Lumpy Skin Disease: राजस्थान (Rajasthan) में पशुओं में लंपी वायरस (Lumpy Virus) के चलते पूरे राज्य में दूध संग्रहण में प्रतिदिन तीन से चार लाख लीटर की कमी होने का अनुमान है. अधिकारी ने बताया कि हालांकि, दूध के कम संग्रहण ने खुदरा दुकानों पर दूध की मांग-आपूर्ति अनुपात को प्रभावित नहीं किया है, क्योंकि विभाग ने पिछले पांच महीनों में दूध संग्रह बढ़ाने के लिए अथक प्रयास किए हैं.
4 लाख लीटर दूध की कमी का अनुमान
राजस्थान सहकारी डेयरी महासंघ (आरसीडीएफ) के अनुसार, जून में संग्रहण केंद्रों पर प्रतिदिन लगभग 20 लाख लीटर दूध एकत्र किया जा रहा था. दूध संग्रह में प्रति दिन तीन से चार लाख लीटर की कमी होने का अनुमान है और वर्तमान में यह प्रति दिन 29 लाख लीटर है. आरसीडीएफ की प्रशासक और प्रबंध निदेशक सुषमा अरोड़ा ने बताया कि राज्य में लंपी वायरस शुरू होने के बाद से दूध संग्रह में तीन से चार लाख लीटर प्रतिदिन की कमी आई है. यह 32 से 33 लाख लीटर प्रतिदिन होता लेकिन वर्तमान में 29 लाख लीटर प्रतिदिन है. हालांकि, यह मांग-आपूर्ति अनुपात पर कोई असर नहीं पड़ा है क्योंकि हमने अप्रैल से दूध संग्रह बढ़ाने के लिए काफी प्रयास किए हैं.
उन्होंने कहा कि दूध और घी की कीमत में हालिया वृद्धि का पशुओं में लंपी वायरस के कारण कम दूध संग्रह से कोई संबंध नहीं है, लेकिन आरसीडीएफ को समर्थन मूल्य बढ़ाना पड़ा ताकि किसानों को डेयरी मंचों पर अपने संग्रह को बेचने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. राज्य में लगभग आठ लाख किसान हैं जो लगभग 17,500 डेयरी सहकारी मंचों (डीसीएफ) पर दूध बेचते हैं और आरसीडीएफ द्वारा नियंत्रित लगभग 24 दुग्ध संघ हैं.
अब तक हजारों पशुओं की मौत
राजस्थान में पशुओं में लंपी सबसे पहले जुलाई के अंत में सामने आया था, जो धीरे-धीरे राज्य के विभिन्न जिलों में फैल गया, जिससे हजारों मवेशियों की मौत हो गई. राजस्थान पशुपालन विभाग के अनुसार, 10 सितंबर तक 11,08,433 पशु इस बीमारी से प्रभावित हुए हैं और 49,057 पशुओं की मौत हो चुकी है.
ये भी पढ़ें
Rajasthan: सीएम आवास योजना में नहीं चलेगी बिल्डरों की मनमानी, राजस्थान सरकार ने उठाया बड़ा कदम