Kota Crime News: सैकड़ों लोगों के करोड़ों- अरबों रुपए की ठगी के बहुचर्चित मामले में एक के बाद एक परत खुलती जा रही हैं और एक के बाद एक आरोपी पुलिस के चुंगल में आते जा रहे हैं. इस बार बारां में शिक्षा विभाग में कार्यरत वरिष्ठ सहायक के पद पर तैनात दिनेश गुप्ता भी इस फर्जीवाड़े में पाया गया, उसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. फर्जी कंपनी बनाकर निवेशकों से करोड़ों की ठगी करने के मामले में एसआईटी की टीम ने अपेक्षा ग्रुप दो और डायरेक्टर को गिरफ्तार किया है. इनमें एक तो बारां में सरकारी कर्मचारी है.
एसआईटी टीम ने बारां में शिक्षा विभाग में वरिष्ठ सहायक पद पर तैनात दिनेश गुप्ता व देवाशीष सिटी कोटा निवासी सूर्यकांत गुप्ता को पकड़ा है. इससे पहले गिरफ्तार आरोपियों के आमने सामने बैठाकर पूछताछ की. इससे पहले सांगोद के कानूनगो प्रदीप जैन को भी गिरफ्तार किया था. प्रदीप जैन डमी डायरेक्टर बनकर रेवेन्यू सलाहकार के रूप में सारा काम पर्दे के पीछे करता था.
अब तक कुल आठ आरोपी गिरफ्तार
डीएसपी व एसआईटी इंचार्ज अमर सिंह ने बताया कि मामले में अपेक्षा ग्रुप के सीएमडी समेत छह लोग गिरफ्तार किए थे. जांच के दौरान कंपनी के दस्तावेज जब्त किए थे. उसके आधार पर दो डायरेक्टर की जानकारी मिली. जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया. दोनों लंबे समय से कंपनी से जुड़े हुए थे. अलग अलग कंपनियों में पदाधिकारी थे. कंपनी के ट्यूर पर विदेश भी घूमने गए थे. अमर सिंह ने बताया कि अब तक कुल आठ आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. जांच में सामने आया कि कई सरकारी कर्मचारी भी इस ग्रुप से जुड़े हुए है. उन्होंने पत्नी या बच्चों के नाम से डमी डायरेक्टर बनकर लोगों से निवेश करवाया.
एक कंपनी से बनाई 14 कंपनियां
अपेक्षा ग्रुप का निदेशक मुरली मनोहर नामदेव बारां का निवासी है. इसने रकम दुगुनी करने का झांसा देकर कंपनी में कई लोगों को डायरेक्टर बनाया. फिर एक कंपनी से 12 से 14 कंपनियां खड़ी की. फिर लोगों को अमीर बनने के सपने दिखाकर उनसे ठगी की. अनुमान के मुताबिक कंपनी ने कोटा संभाग के (कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़) के करीब ढाई से तीन हजार निवेशकों को करीब 100 करोड़ का चुना लगाया.
इसी साल जनवरी में अपेक्षा ग्रुप कंपनी के 38 डायरेक्टर्स के खिलाफ गुमानपुरा थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था. वर्तमान में कंपनी के डायरेक्टर्स के खिलाफ शहर के अलग अलग थानों में करीब 95 मामले दर्ज है, इस ठगी के मामले में हर वर्ग प्रभावित हुआ है. कई लोगों ने तो अपने जीवनभर की पूंजी तक लगा दी और अब लालच की वजह से पछता रहे हैं.
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