Barmer News: पश्चिमी राजस्थान (West Rajasthan) में भीषण गर्मी का दौर जारी है. वहीं कई जिले अभावग्रस्त घोषित किए जा चुके हैं. पिछले मानसून में बारिश कम होने के कारण अकाल के हालात बने हुए हैं और सरहदीय इलाकों में बारिश नहीं होने के चलते तालाब, नाड़ी और बावड़ियां सुख गई हैं. गोवंश चारे-पानी की तलाश में भटक रहे हैं और दम तोड़ने की कगार पर पहुंच गए हैं. अभावग्रस्त और ग्रामीण इलाकों में जिला प्रशासन की ओर से पानी और पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था की जा रही है.

 

बाड़मेर के ग्रामीण क्षेत्र में पीने के पानी के लिए 2350 स्थानों को चिन्हित किया गया है, जिसमें टैंकरों के माध्यम से पानी की सप्लाई शुरू करने के लिए जल सप्लाई विभाग को निर्देश दिए गए हैं. मानसून के आने में अभी समय है, जिसके कारण पशुओं के चारे के लिए भी किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में जनप्रतिनिधियों और ग्राम पंचायतों के उपखंड स्तरीय अधिकारियों के प्रस्ताव के आधार पर बाड़मेर जिले के 200 से अधिक स्थानों पर पशु चारा डिपो खोलना प्रस्तावित किया गया है. इस बार पशु चारे की दरों में बढ़ोतरी होने के कारण मार्केट से कोटेशन मांगे गए हैं.

 

जानिए डीएम ने क्या कहा?

 

बाड़मेर जिला कलेक्टर लोक बंधु ने बताया कि जिले में 7 लाख की आबादी के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के गांव और ढाणियों में तंत्र के माध्यम से पानी पहुंचाया जा रहा है. वहीं पशु शिविर और चारा डिपो के लिए ग्राम पंचायत की और ऑनलाइन प्रस्ताव भेजे गए हैं, जिसमें 200 स्थान चिन्हित किए गए हैं. यहां पर जल्द ही पशु शिविर और चारा डिपो खोले जाएंगे. वहीं पानी की सप्लाई के लिए उपखंड स्तरीय निगरानी समिति का भी गठन किया गया है.

 

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