(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajasthan News: लहसुन और प्याज ने निकाले किसानों के आंसू, 5 रुपये किलो बेचने को हुए मजबूर
राजस्थान में लहसुन-प्याज खरीद को लेकर राज्य सरकार अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही. इस कारण किसानों को काफी नुकसान हो रहा है.
Kota News: बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत राजस्थान में लहसुन-प्याज खरीद को लेकर राज्य सरकार अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही, जिस कारण किसानों (Farmers) को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है. किसान अपने मेहनत की कमाई को 5 रुपए किलो बेचने पर मजबूर है. लहसुन और प्याज ने किसानों के आंसू निकाल दिए हैं. उनकी पीडा को समझने वाला कोई नहीं है. राज्य सरकार को किसान हस्तक्षेप योजना के तहत 1.07 मीट्रिक टन लहसुन की खरीद करनी है, लेकिन अभी तक सरकार ने कोई पहल नहीं की है.
सरकार ने नहीं कोई पहल
राजस्थान में इस बार लहसुन और प्याज की बम्पर पैदावार हुई है. लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रदेश के कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया से बात की. स्पीकर बिरला ने कटारिया से कहा कि केंद्र सरकार से स्वीकृति मिलने के बावजूद राजस्थान सरकार द्वारा लहसुन की खरीद नहीं करने से किसान परेशान हो रहे हैं. कटारिया ने आश्वस्त किया कि सरकार जल्द ही लहसुन खरीद प्रारंभ करेगी.
दरअसल, राजस्थान में इस बार बंपर पैदावर के चलते लहसुन के दामों में भारी गिरावट दिखाई दी. इससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा और उनकी लागत भी नहीं मिल पा रही थी. इसको देखते हुए किसान संगठनों और ग्रामीण प्रतिनिधिमंडलों ने सरकार को अवगत कराया.
केन्द्र ने राज्य सरकार को दो हफ्ते पहले ही खरीद के लिए भेजा पत्र
राज्य सरकार के स्तर से प्रस्ताव केंद्र को पहुंचने के बाद 3 जून को केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने राज्य के कृषि विभाग को पत्र भेज बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत लहसुन-प्याज खरीदने को कहा है. इस आदेश को जारी हुए दो हफ्ते बीतने के बाद भी प्रदेश में लहसुन खरीद नहीं हो रही. हालांकि सरकार जल्द ही लहसुन खरीद की बात कर रही है.
2 लाख 56 हजार 400 मीट्रिक टन प्याज की भी होगी खरीद
केंद्र के कृषि मंत्रालय से राजस्थान के कृषि विभाग को भेजे पत्र के अनुसार प्रदेश में बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत 1 लाख 7 हजार 836 मीट्रिक टन लहसुन तथा 2 लाख 56 हजार 400 मीट्रिक टन प्याज की खरीद होनी है. लहसुन की खरीद 29 हजार 570 रूपए प्रति मीट्रिक टन जबकि प्याज 7780 रूपए प्रति मीट्रिक टन के भाव से होगी.
मंडी में 5 से 10 रुपए किलो बिक रहा लहसुन, बाहर 40 से 50 रुपए किलो
कोटा भामाशाह मंडी सचिव जवाहर लाल नागर का कहना है कि मंडी में किसान का माल तुलने के बाद करीब 5 प्रतिशत टैक्स और आड़त का खर्चा होता है. इसमें 1.6 मंडी टैक्स, 2.25 आड़त और 1 फीसदी खरीद पर आड़त शामिल है, इसके बाद लेबर का खर्चा अलग होता है.
यह करीब प्रति बैग 10 रुपए के आसपास है, मंडी सचिव नागर ने बताया खर्चे के अनुसार हमने लहसुन के दाम को जोड़ा, तब सामने आया कि 25 रुपए किलो का लहसुन मंडी से खरीदा जाए तो 50 किलो का बैग करीब 1250 का होगा. इसमें मंडी आड़त, लेबर से लेकर सब कुछ खर्चा करीब 70 रुपए होगा. ऐसे में यह लहसुन 1320 रुपए का व्यापारी को पड़ेगा, इसके बाद उसे मंडी से बाहर ले जाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन का करीब 15 रुपए का खर्चा होगा. ऐसे में यह लहसुन करीब 27 रुपए किलो के आसपास व्यापारी को पड़ता है, जिसका बाजार में भाव 40 से 50 रुपए किलो हैं, जबकी किसान 5 से 10 रुपए किलो मंडी में लहसुन बेच रहा है.
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