Jaisalmer News: जालोर जिले के सुराणा में दलित बच्चे की शिक्षक द्वारा मारपीट करने से मौत का मामला अभी ठंडा ही नहीं हुआ था कि जैसलमेर के मोहनगढ़ क्षेत्र के डीग्गा गांव में एक दलित युवक पर जानलेवा हमले का मामला सामने आया है. वो भी सिर्फ इसलिए कि दलित युवक ने सवर्णो की मटकी से पानी पी लिया. युवक का आरोप है कि उनकी मटकी से पानी पीने जातीसूचक शब्दों से अपमानित करके उस पर फायरिंग कर जानलेवा हमला किया.


मटके से पानी पीने पर दलित युवक पर फायरिंग
किसी तरह फायरिंग से बचने के बाद आरोपियों ने युवक पर लाठियों व सरियों से ताबड़तोड़ मारपीट कर दी. जिससे दलित चुतराराम को पीठ, पैर व कान के पास गंभीर चोटे आईं. ग्रामीण घायल युवक को मोहनगढ़ अस्पताल लेकर आए और पुलिस को सूचना दी. पीड़ित चुतराराम ने बताया कि वो अपनी पत्नी के साथ दिग्गा जा रहा था. इस दौरान पत्नी को घर भेजने के बाद में एक दुकान पर सामान लेने के लिए रुक गया. सामान लेने के बाद दुकान के बाहर रखी मटकी से पानी पी लिया. जिस पर ऊंची जाती के 4-5 युवकों ने जातिसूचक शब्दो से अपमानित करते हुए मेरे ऊपर फायरिंग कर दी. 


एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज
सिर नीचे करने से गोली मेरे सिर के ऊपर से निकल गई. उसके बाद उन लोगो ने मेरे ऊपर जानलेवा हमला करते हुए लाठी व सरियों से मेरे ऊपर ताबड़तोड़ हमला कर दिया. घायल पीड़ित को एंबुलेंस की मदद से मोहनगढ़ अस्पताल लाया गया. प्राथमिक उपचार के बाद अब पीड़ित चुतराराम का जिला अस्पताल में इलाज जारी है. पुलिस ने एस सी एस टी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.


आजादी के 75 साल भी अत्याचार जारी
हैरानी की बात ये है कि पूरे देश ने इस साल आजादी के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया. वहीं दूसरी तरफ दलित आज भी आजादी से सांस नहीं ले पा रहे हैं. दलित द्वारा मटकी से पानी पीने पर गोलियां चलना बॉलीवुड की फिल्म गुलामी की याद दिला रहा है. खास बात यह है कि जैसलमेर में विधायक की सामान्य सीट होने के बावजूद अनुसूचित जाति के रूपाराम मेघवाल सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक है. बावजूद इसके दलितों पर इस तरह के अत्याचार विधायक की कार्यशैली पर सवालिया निशान लग रहे हैं. 


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