Bundi Utsav: बूंदी महोत्सव में दिखे लोक संस्कृति के रंग, जमकर थिरके विदेशी पर्यटक, देसी व्यंजनों का चखा स्वाद
Rajasthan News: उत्सव में विदेशी मेहमानों ने देशी व्यंजनों का नीचे बैठकर लुत्फ उठाया, उन्होंने देसी सैलानियों के साथ लोकनृत्य भी किया. सभी मेहमानों को प्रसिद्ध देसी व्यंजन कत्त बाफले परोसा गया.
Bundi News: बूंदी महोत्सव (Bundi Utsav) के दूसरे दिन भी विविध मनोहारी कार्यक्रमों का दौर जारी रहा. सुखमहल में सुरम्य प्राकृतिक छटा के बीच देशी-विदेशी पावणों की देशी व्यंजनों से मनुहार की गई. विदेशी मेहमानों ने देशी व्यंजनों का नीचे बैठकर लुत्फ उठाया, यही नहीं उन्होंने देसी सैलानियों के साथ लोकनृत्य भी किया. विदेशी पर्यटक कच्ची घोड़ी नृत्य करते हुए भी दिखाई दिए. जिसने भी ये दृश्य देखा वह देखता ही रह गया. आनंद की अनुभूति से ओतप्रोत सभी ने बूंदी उत्सव में अलग ही रंग बिखेरे.
हाड़ौती के पसंदीदा व्यंजन कत्त बाफले से सत्कार
नगर परिषद सभापति मधु नुवाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी करतार सिंह, उपखण्ड अधिकारी सोहनलाल सहित जिला प्रशासन के अन्य अधिकारियों एवं गणमान्य नागरिकों ने मेहमानों की खातिरदारी करते हुए उनका हाड़ौती के पसंदीदा व्यंजन कत्त बाफले से सत्कार किया. कार्यक्रम में पावणों को साफे बांधे गए, तिलक किया गया. पर्यटकों के माथे पर रोली अक्षत का टीका किया गया और उन्हें रक्षा सूत्र भी बांधे गए.
विदेशी महिलाओं को चूड़ियां पहनाई गईं, मेंहदी से सजाए गए हाथ
संस्कृति संस्था की ओर से शालिनी विजय एवं सहयोगी सदस्यों ने विदेशी सैलानियों का स्वागत किया. उन्हें रोली का टीका लगाकर मुंह मीठा कराया गया. विदेशी महिलाओं को चूड़ियां पहनाई गईं और मेंहदी से उनके हाथ सजाए गए, जिससे वे फूली नहीं समाईं. विदेशी मेहमान इस मान-मनुहार से बहुत अभिभूत नजर आए और इस आयोजन को सराहते रहे. कार्यक्रम में लोक कलाकारों ने कच्छी घोड़ी नृत्य और अन्य नृत्य गीतों से समा बांधा. विदेशी सैलानी लोक कलाकारों के साथ थिरकते दिखे.
इस मौके पर बूंदी महोत्सव समिति सदस्य पुरूषोत्तम पारीक, केसी वर्मा, विजयराज सिंह, सुमन आदित्य, अशोक शर्मा तलावास, पार्षद मनीष सिंह, पूर्व पार्षद पेंशू सिंह, रानी यादव, मंजू जिंदल, जिला रसद अधिकारी शिवजीराज जाट, सहायक पर्यटन अधिकारी प्रेम शंकर सैनी मौजूद रहे.
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