Kota News: राजस्थान सरकार प्रदेश की महिलाओं को आर्थिक और शैक्षणिक स्तर पर सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. प्रदेश के कई निजी संगठन और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी इस दिशा में लगातार प्रयास कर रहे हैं. जिसका जमीनी स्तर पर सकारात्मक असर भी दिखाई पड़ रहा है. ऐसा ही कुछ आंवा ग्रामीण क्षेत्र में देखने को मिला, जहां पूर्व सरपंच की पहल पहल पर टॉप करने वाली बेटियों को हवाई सैर करवाया गया. इन बेटियों ने हवाई जहाज से घूमने के लिए कोई विदेशी जगह या अन्य प्रदेश के बजाय उदयपुर को चुना है. 


सीनियर सेकेंड्री में टॉप करने वाली ये सभी बेटियां श्रमिक परिवार से हैं. इनका कहना है कि वह कभी रेल में नहीं बैठी और आज उन्हें हवाई जहाज में सफर करने का मौका मिला है, ये हमारे लिए यह अद्भुत और रोमांचकारी है. बेटियों ने कहा कि उन्होंने कल्पना नहीं की थी कि पढ़ाई से इतना प्रोत्साहन मिलेगा. ग्राम पंचायत आंवा के सरपंच दिव्यांश एम भारद्वाज की योजना प्रगति की उड़ान के तहत कृष्णा प्रजापति, अर्चना सैन, विजय लक्ष्मी प्रजापति और शिवानी पाराशर जयपुर से उदयपुर घूमने पहुंचीं. हवाई जहाज से उदयपुर पहुंचन के बाद उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. 


पूर्व सरपंच के पहल की सीएम भी कर चुके हैं तारीफ
आंवा की सीनियर सेकेंडरी और सेकेंडरी स्कूल परीक्षा में टॉप करने वाली चारों बेटियों का उदयपुर में विधायक दीप्ती माहेश्वरी और जिला प्रमुख ममता कुंवर ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया. 2 वर्ष पूर्व सरपंच दिव्यांश एम भारद्वाज ने आंवा पंचायत क्षेत्र के प्रतिभावान छात्रों के लिए प्रगति की उड़ान योजना शुरू की थी, जिसमें सरकारी स्कूल की 10वीं और 12वीं परीक्षा टॉप करने वाले विद्यार्थियों को पसंदीदा पर्यटन स्थल की हवाई यात्रा करवाए जाने का प्रावधान किया गया. इसके लिए समिति का अध्यक्ष शिक्षाविद् शिखा भारद्वाज को बनाया गया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्र लिख कर इस पहल के लिए सरपंच की प्रशंसा की थी. योजना को मूर्त रूप देने के लिए सरपंच व प्रगति की उड़ान समिति की अध्यक्ष शिखा भारद्वाज बच्चियों को हवाई जहाज से उदयपुर ले गए. जहां उन्हें प्रमुख पर्यटन स्थलों का भ्रमण करवाया.


टॉपर बेटियों ने उदयपुर घूमने की जताई थी इच्छा


सरपंच दिव्यांश एम भारद्वाज ने बताया कि बेटियों को पिछोला झील में बोटिंग कराई गई. खास बात यह रही कि हवाई जहाज का टिकट कराने से पहले जब इन बच्चियों से अपनी पसंद का पर्यटन स्थल पूछा गया, तो इन्होंने एक ही स्वर में कहा था कि हमारे लिए स्विट्जरलैंड से ज्यादा सुंदर हमारा उदयपुर है. हमें उदयपुर ही दिखाओ. उसके बाद सभी प्रक्रियाओं को पूरा कर बेटियों की इच्छानुसार उन्हें उदयपुर की सैर कराई गई.


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