Jodhpur News: जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट ईस्ट की टीम ने ठगी का अनोखा मामले का खुलासा किया. चंद घंटों में ही ज्वेलर व्यापारी से 5 लाख की ठगी के शातिर ठगों को पकड़ा. ठगों ने किसी और के खाते से ज्वेलर को भुगतान किया, इसलिए उनकी पहचान का कोई सबूत नहीं मिला. पुलिस ने ज्वेलरी शोरूम में लगे सीसीटीवी में कैद उनके हुलिए को देर रात तक गिरफ्तार किया गया. उसके बाद ठगों से पूछताछ किया गया. पुछताछ में पाया गया कि नागौर के युवक का बचपन का दोस्त है जो वापी में रहता है. दोनों ने केदारनाथ ट्रिप साथ किया. इस दौरान उसने ठगी की साजिश रची. जोधपुर में एक युवक को 20 हजार में काम पर रखा, ज्वैलरी की दुकान में ठगी की और चलते बने.
ठगी को ऐसे दिया अंजाम
डीसीपी अमृता दुहन ने बताया कि सदर बाजार थाना क्षेत्र के घोड़ा चौक स्थित सुदर्शन ज्वैलर्स ने मामला दर्ज कर लिया है. उनकी दुकान पर दो लड़के साढे पांच तोले की दो सोने की चेन खरीदी और उसकी पेमेंट आरटीजीएस से करवाई और पेमेंट होने के बाद चेन लेकर चले गए. उसके आधे घंटे बाद गुजरात से ज्वैलर के पास किसी व्यापारी का फोन आया और कहा कि कि उसके एकाउंट से रुपए ट्रांसफर हुए जबकि उसने नहीं किए. जब ज्वैलर को गुजरात से फोन आया, उसके खाते से पैसे ट्रांसफर किए गए. तो उसे अपने साथ हुए धोखाधड़ी के बारे में पता चला. उसने तुरंत पुलिस से संपर्क किया. पुलिस ने मामला दर्ज किया.
पुलिस ने फौरन नाकाबंदी कर तीन टीमों को मैदान में उतारा. सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी आधार की मदद से पुलिस ने देर रात ठगों को पकड़ लिया. एक आरोपी को गुजरात वापी पुलिस को जानकारी देकर वहां गिरफ्तार करवाया गया है. पुलिस ने उनके पास से एक गोल्ड चेन और 94 हजार रुपए बरामद किए हैं. इसके साथ ही वह डायरी भी दस्तयाब की जिस पर फर्जी साइन की प्रैक्टिस की गई थी.
एक सोने की चेन और 94 हजार रुपये भी बरामद
बैंक में फर्जी साइन का चेक देकर ज्वैलर के खाते में आरटीजीएस किया गया. और व्यापारी को सवा पांच लाख का चुना लगाया. तीसरे साथी बबलु गुर्जर ने एक गोल्ड चेन को हाथों हाथ मन्नापुरम गोल्ड लोन में चेक जमा करवा कर कैश लिए. डीसीपी ने बताया कि बबलू गुर्जर और इंदर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है. उनके पास से एक सोने की चेन और 94 हजार रुपये भी बरामद किए गए हैं. तीसरे आरोपी पवन उपाध्याय के खिलाफ गुजरात के एक व्यापारी ने केस दर्ज कराया है. उसे हिरासत में लिया गया है और जल्द ही जोधपुर लाया जाएगा. इससे यह बात सामने आएगी कि उन्होंने कहीं और ऐसी साजिश रची है या नहीं.
डीसीपी ने बताया कि इस शिकायत पर तीन टीमों का गठन कर नाकाबंदी कर आरोपी को पकड़ लिया. डीसीपी ने बताया कि नागौर निवासी इंदर सिंह का बचपन का दोस्त पवन उपाध्याय गुजरात के वापी में रहता है. दोनों ने जुलाई में केदारनाथ यात्रा के दौरान साजिश रची थी. पवन उपाध्याय बी पैकेजिंग की कंपनी में काम करता था. उस केबी पेकेजिंग के स्टैंप लगे ब्लैंक चेक उसे देगा. और इंद्रसिंह उसे कैश करवाएगा. इसके लिए इंद्र सिंह ने एक महीने तक अपने मालिक के हस्ताक्षर की प्रैक्टिस की.
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