Udaipur News: उदयपुर में हो रही G-20 शेरपा बैठक का सोमवार को पहला दिन था. इससे पहले रविवार को स्वागत समारोह हुआ. सोमवार को ताज फतेह प्रकाश होटल के राजसी दरबार हॉल में आयोजित भारत के जी 20 प्रेसीडेंसी के पांच प्रमुख फोकस क्षेत्रों पर महत्वपूर्ण चर्चाओं की शुरुआत हुई. 'तकनीकी परिवर्तन' और 'पर्यावरण के लिए हरित विकास और जीवन शैली' पर पहले दो सत्रों के अलावा, 'वैश्विक और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था संभावनाएं और चुनौतियां' पर एक संवाद और जी 20 सदस्य देशों के बीच एक अनौपचारिक 'चाय पर चर्चा' भी आयोजित की गई.
इन मुद्दों पर हुईं चर्चाएं-
- पहली शेरपा बैठक की वार्ता भारत के जी-20 शेरपा अमिताभ कांत ने शुरू की जिन्होंने 13 कार्यकारी समूहों में भारत की जी 20 प्राथमिकताओं को प्रस्तुत किया. शेरपा ने विकसित और विकासशील देशों के बीच सभी की जीत वाला सहयोग बनाने के लिए जी 20 अध्यक्ष के रूप में अपनी भूमिका का उपयोग करते हुए, ग्लोबल साउथ की वास्तविक आवाज के रूप में भारत के कर्तव्य पर प्रकाश डाला.
- वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ ने दुनिया के सामने आज की प्रमुख आर्थिक चुनौतियों की रूपरेखा रखी जिसके लिए जी 20 देशों की सामूहिक क्षमता को एक होकर प्रतिक्रिया देने की आवश्यकता है. फिर डिजिटल अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य और शिक्षा पर कार्य समूहों की भागीदारी के साथ तकनीकी परिवर्तन पर पहला सत्र हुआ जिसमें प्रतिनिधियों ने अपने देशों में विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटलीकरण में तेजी लाने के लिए वर्तमान चुनौतियों पर चर्चा की.
जी 20 देशों के प्रतिनिधियों, आमंत्रित अतिथियों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों ने कई तरीकों से प्रौद्योगिकी की शक्ति का बेहतर लाभ उठाने के लिए महत्वपूर्ण हस्तक्षेप साझा किए. इसमें साइबर सुरक्षा के महत्व, तकनीकी सेवाओं और बुनियादी ढांचे तक पहुंच के विस्तार में समावेशिता, और डिजिटल स्किलिंग पर चर्चा की गई. - पर्यावरण के लिए हरित विकास और जीवन शैली पर दूसरे सत्र विचार हुआ जिसमें सामूहिक रूप से जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए प्रभावी रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया. भारत के जी 20 शेरपा ने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में सामूहिक कार्रवाई को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर देते हुए हरित और ऊर्जा परिवर्तन को सुविधाजनक बनाने की आवश्यकता को रेखांकित किया.
- फिर "वैश्विक और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था: संभावनाएं और चुनौतियां" पर एक संवाद आयोजित किया गया. भारत में आईएमएफ के रेजिडेंट प्रतिनिधि लुइस ब्रेशर और आईएमएफ की राजनीति और नीति विभाग की उप निदेशक क्रिस्टीना कोस्तियाल एक विचारोत्तेजक चर्चा में शामिल हुए और उन्होंने आज की सबसे अधिक दबाव वाली वैश्विक आर्थिक चुनौतियों पर ध्यान आकर्षित किया. इस संवाद ने प्रमुख चिंताओं से निपटने और आर्थिक उतार-चढ़ाव के प्रति अधिक लचीला बनने के लिए दुनिया के वास्ते महत्वपूर्ण विचार प्रस्तुत किए.