Rajasthan Assembly Election 2023: केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत एक दिन के दौरे पर जोधपुर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि राजस्थान में अबकी बार जिस बहुमत के साथ कमल खिलेगा, हम उसकी कल्पना भी नहीं कर सकते. राज्य में बिगड़ी कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गहलोत सरकार को घेरते हुए शेखावत ने कहा कि सरकार की उदासीनता व सरकार की प्राथमिकता लॉ एंड ऑर्डर सुधारना न होने के चलते, राजस्थान में ऐसे हालात हैं कि अपराधी बेखौफ हैं और आमजन डरा-सहमा है.


'माता-पिता को रहती है बेटी की चिंता'
गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, "ऐसे माता-पिता, जिसकी बेटी स्कूल, कॉलेज या काम के सिलसिले में बाहर जाती है, वो जब तक लौटकर घर नहीं आ जाती, तब तक माता-पिता चिंतित रहते हैं. उन्हें डर लगता है कि क्या पता मेरी बेटी सकुशल लौटेगी या नहीं? इस तरह की हालत के लिए सरकार जिम्मेदार है, लेकिन सरकार शायद का इन सब विषयों से अब लेना-देना नहीं, क्योंकि वो हर घटना के बाद में उस पर कार्रवाई मात्र को अपना कर्तव्य समझ कर पीठ ठोकती नजर आती है."


जोधपुर में बढ़ते अपराधों से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, "केवल जोधपुर ही नहीं, पूरे राजस्थान में इसी तरह के हालात हैं. 17 रेप प्रतिदिन हो रहे हैं. हजारों की संख्या में मर्डर पिछले 5 साल में हुए हैं. लूटपाट, माफियाराज, गैंग की लड़ाइयां, इस तरह की घटनाएं राजस्थान में हो रही हैं. थानों से अपराधी बंदूक के दम पर छुड़ाए जा रहे हैं.


'कांग्रेसी राज का रिवाज बना महिलाओं का दमन गया'
जोधपुर में महिला का शव मिलने पर शेखावत ने ट्वीट किया, "महिलाओं के विरुद्ध अपराध रोकने में सरकार की नाकामी सीएम कम गृहमंत्री अशोक गहलोत का गृह क्षेत्र भी भुगत रहा है. जोधपुर में महिला का क्षत विक्षत शव मिलना पुलिस की सतर्कता और निगरानी के दावे के फेल होने का एक और उदाहरण है. महिलाओं का दमन जैसे कांग्रेसी राज का रिवाज बन गया है. जोधपुर सीएम गहलोत की निष्क्रियता देख रहा है और समझ भी रहा है कि उनमें जन संवेदना का एक कतरा भी नहीं बचा है.


'राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते हुआ विभाजन'
वहीं देश के विभाजन से जुड़े सवाल पर शेखावत ने कहा, "कुछ लोगों की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के चलते देश ने विभाजन की विभीषिका को झेला. मां भारती के दोनों बाजू काटकर अलग कर दिए गए. उस समय जिस तरह का तांडव हुआ. जिसे फौरी तौर पर उस समय की सरकार ने लिया. लाखों लोगों ने उस विभीषिका के दर्द को झेला. जरा सा कुरेद कर देखिए, अनेक ऐसे संस्मरण सुनने को मिलेंगे, जो आपके दिल को दहला देंगे."


'75 साल बाद भी ताजा है दर्द'
उन्होंने आगे कहा कि आजादी के 75 साल बीत जाने के बाद में भी वो दर्द उन लोगों के जहन से नहीं निकला है. शेखावत ने कहा कि आज अवसर है कि हम एक बार इस विषय पर विचार कर सकें कि आजादी के बाद जो विभाजन हुआ, उस विभाजन से हमने क्या खोया और क्या हासिल किया. उन्होंने कहा कि मैं आप सबका आह्वान करता हूं कि इस प्रासंगिक अवसर पर जब देश आजादी के अमृतकाल में प्रवेश कर रहा है, हम निश्चित समय की परिस्थितियों से कुछ सीखकर आगे बढ़ें और देश को इस अमृतकाल में विकसित भारत बनाने के संकल्प को और सुदृढ़ करें.


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