Rajasthan News: राजस्थान की राजधानी जयपुर (Jaipur) के गांधीनगर रेलवे स्टेशन (Gandhinagar railway station) को पूरी तरह से बदला जा रहा है. इस स्टेशन पर 2025 तक सबकुछ बदल जाएगा. इसके लिए पूरी तैयारी हो चुकी है, जिसमें कुल 177.45 करोड़ रूपये खर्च होना है. यह रेलवे स्टेशन (Jaipur railway station) राज्य का पहला स्टेशन हैं जहां का पूरा स्टाफ महिलाओं का है. उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण ने बताया कि महाप्रबन्धक विजय शर्मा के निर्देशन में गांधीनगर जयपुर स्टेशन के पुनर्विकास का कार्य तीव्र गति से चल रहा है. गांधीनगर जयपुर स्टेशन पर दो नई बिल्डिंग का निर्माण प्रस्तावित है. सामने की ओर की मुख्य इमारत जी+2 बिल्डिंग बनाई जाएगी.


बिल्डिंग में क्या होंगी सुविधाएं
अधिकारियों का कहना है कि जो दो बिल्डिंग बनेगी उसमें सभी सुविधाएं रहेंगी, जैसे मुख्य प्रवेश स्टेशन भवन में डिपार्चर लॉबी, वेस्टिबुल, बैगेज स्कैनर के साथ सुरक्षा जांच क्षेत्र, हेल्प डेस्क क्षेत्र, प्रस्थान हॉल, शौचालय, आरपीएफ कक्ष और हेड टीसी कक्ष जैसी विभिन्न सुविधाएं होंगी. प्लेटफार्म 1 पर अनारक्षित प्रतीक्षालय, एक्जिक्यूटिव प्रतीक्षालय, खुदरा स्टालें, शौचालय, शिशु आहार कक्ष और प्लेटफार्म संख्या 1 पर आने वाले यात्रियों के लिए आगमन कक्ष होगा. इस भवन का मेजेनाइन फर्श बनाया जायेगा. भूमि तल पर विभिन्न रेलवे कार्यालय और दूसरी मंजिल पर एक्सेस कंट्रोल, मेटल डिटेक्टर सिस्टम, बैगेज स्कैनर सिस्टम, अतिरिक्त प्रतीक्षा कक्ष, रिटेल स्टॉल, मॉड्यूलर शौचालय, सीढ़ियां, लिफ्ट, एस्केलेटर आदि होंगे. पहली मंजिल तक आसान पहुंच के लिए एस्केलेटर, लिफ्ट और सीढ़ियां बनाई जाएंगी.


बदला जाएगा टिकट काउंटर 
स्टेशन के दूसरे प्रवेश की इमारत जी+1 की होगी, जिसमें टिकट काउंटरों के साथ हॉल, बुकिंग कार्यालय, बैगेज स्कैनर के साथ सुरक्षा जांच, प्रस्थान हॉल आदि की व्यवस्था होगी. अन्दर प्लेटफॉर्म नंबर 2 पर अनारक्षित प्रतीक्षा हॉल, शौचालय, बेबी केयर रूम, आरपीएफ थाना, आगमन हॉल, कुली रूम कक्ष होंगे. मुख्य प्रवेश द्वार पर दुपहिया और चौपहिया वाहनों की पार्किंग के लिए पर्याप्त दो मंजिला भूमिगत बेसमेंट उपलब्ध कराया जाएगा. मौजूदा फुट ओवर ब्रिज को नई वास्तु कला थीम के साथ पुनर्निर्मित किया जाएगा. एयर कॉनकोर्स 72 मीटर लंबाई में कुल 2697 वर्ग मीटर में क्षेत्र में बनाया जाएगा. एयर कॉनकोर्स को कई उद्देश्यों की पूर्ति के लिए डिजाइन किया गया है.


वर्षा जल संचयन भी होगा 
कैप्टन शशि किरण ने बताया कि कार्य शुरू हो गया है. वर्तमान में स्टेशन पर स्थित रेल क्वार्टर्स, वेटिंग हॉल आदि को गिराकर भूमि समतल कर दी गई है. स्टेशन पर साइट ऑफिस, लेबर कैंप आदि बनाए जा रहे हैं. यह कार्य सितम्बर 2025 में पूरा कर लिया जाएगा. पूरी परियोजना में निर्माण के साथ-साथ संचालन और रखरखाव के दौरान ऊर्जा खपत में कमी के लिए सुविधाओं के साथ ग्रीन बिल्डिंग सुविधाएं होंगी जो नवीनीकरणीय ऊर्जा के साथ कचरे के प्रसंस्करण, वर्षा जल संचयन जैसे संसाधनों से युक्त होंगी. इससे सबकुछ बदल जायेगा.


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