Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट का एक फैसला इन दिनो सुर्खियों में है. दरअसल गैंगरेप के आरोपी की पत्नी ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि उसके पति को पैरोल दी जाए ताकी वंश आगे बढ़ सके. राजस्थान के न्यायिक इतिहास में ये पहला मामला है जब गैंगरेप के आरोपी को संतान उत्पत्ति के लिए पैरोल मिली हो. इससे पहले जोधपुर में आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक कैदी को वंश वृद्धि के लिए पैरोल पर छोड़ा गया था.
 
15 दिन की पैरोल मंजूर
दरअसल राजस्थान के अलवर जिले के हनीपुर का रहने वाले राहुल के खिलाफ साल 2019 में नाबालिग के साथ गैंगरेप का मामला दर्ज हुआ था. 13 जून 2022 को राहुल को कोर्ट ने बीस साल की सजा सुनाई थी. राहुल की पत्नी बृजेश देवी ने संतान उत्पन्न करने के अपने मौलिक अधिकार का हवाला देकर पहले अलवर जिला जज और फिर राजस्थान हाईकोर्ट में राहुल को आपात पैरोल पर एक महीने के लिए छोड़े जाने की अपील दायर की थी. बृजेश देवी ने राहुल को एक महीने की पैरोल देने की मांग की थी लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट ने राहुल की पंद्रह दिनो की पैरोल मंजूर की है.
 
राजस्थान में ऐसा पहला मामला
राजस्थान में गैंगरेप के आरोपी को वंश बढ़ाने के लिए इस तरह पैरोल पर छोड़ने का ये भले ही पहला मामला हो लेकिन पंजाब में कैदियों को वंश वृद्धि के लिए अपने जीवन साथी के साथ अकेले में समय बिताने की व्यवस्था पहले से लागू है. पंजाब के कई शहरों की जेल परिसर में अलग कमरों की व्यवस्था है. जेल कैदी इन कमरों में दो घंटे अपने जीवन साथी के साथ रह सकते हैं.


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