Kota News: राजस्थान में किसानों के बुरे हाल, बारिश शुरू होते ही खराब होने लगा लहसुन, फेंकने को मजबूर किसान
Rajasthan Farmers: अभी जिले में एक या दो स्थान पर ही खरीद केंद्र बनाए गए हैं. खरीद केंद्र दूर होने पर किसानों के लिए लहसुन का परिवहन ही महंगा हो जाएगा.
Garlic Spoiled In Rajasthan: केंद्र से अनुमति मिलने के बाद राज्य सरकार की ओर से लहसुन खरीद के आदेश जारी नहीं हुए हैं. सरकार की लेटलतीफी और मानसून के आगमन से लहसुन खराब होने लगा है. जिससे किसानों को लहसुन फेंकने पर मजबूर होना पड़ रहा है. वहीं दूसरे किसानों की भी चिंता बढ़ गई है. सांगोद क्षेत्र लालहेड़ा के किसान हेमराज धाकड, विनोद नागर, नन्दबिहारी सेन, नन्दगोपाल नागर, ललित बेरवा, महेन्द्र नागर ने शुक्रवार को घर में जगह नहीं होने और खरीद नहीं होने पर विरोध स्वरूप लहसुन को सड़क पर फेंक कर आग के हवाले कर दिया. इन किसानों का कहना है कि किसानों को अपने लहसुन की मजदूरी भी नहीं मिल पा रही है. सरकारी खरीद भी नहीं हो रही, घर में रखने की जगह नहीं है. बरसात में खुद के रहने लायक जगह बनानी होगी. इसलिए लहसुन फेंकने के अलावा कोई उपाय नहीं बचा है.
सोमवार तक खरीद शुरू नहीं हुई तो आंदोलन
किसानों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है. उन्होंने कहा कि अब सोमवार तक खरीद शुरू नहीं हुई तो आंदोलन की नए सिरे से रूपरेखा बनाई जाएगी. भारतीय किसान संघ कांटे लगाने के साथ ही खरीद के लक्ष्य को बढ़ाकर एक लाख सात हजार मैट्रिक टन करने की मांग कर रहा है. बरसात के मौसम को देखते हुए सरकार को जल्द कांटे लगाकर खरीद शुरू करनी चाहिए.
पिछली बीर 3257 प्रति क्विंटल भाव, इस बार 2957 रुपए
अभी जिले में एक या दो स्थान पर ही खरीद केंद्र बनाए गए हैं. खरीद केंद्र दूर होने पर किसानों के लिए लहसुन का परिवहन ही महंगा हो जाएगा. ऐसे में, हर ब्लॉक पर खरीद केंद्र बनाया जाएं. ताकि अधिक से अधिक किसानों के लहसुन की खरीद हो सके. पिछली सरकार में 3257 रुपए प्रति क्विंटल के भाव पर खरीदी हुई थी. लेकिन राजस्थान की वर्तमान सरकार ने केवल 2957 रुपए का दाम तय किया है, जो बहुत कम है. बढ़ती महंगाई और लागत मूल्य के आधार पर सरकार 5 हजार का दाम तय करे या फिर भावांतर दिया जाए.
गलत गिरदावरी के कारण लहसुन बेचने से वंचित
लहसुन खरीद के निर्णय में देरी हुई है. अब मानसून शुरू हो चुका है. बारिश में खरीद के कारण लहसुन में नमी आने की संभावना है. अगर कुछ नमी भी रह जाए तो सरकार द्वारा खरीद में छूट दी जाए. वहीं लहसुन खरीद के आदेश जारी होने के बावजूद बहुतायत में किसान गलत गिरदावरी के कारण लहसुन बेचने से वंचित रह जाएंगे. सरकार अशुद्ध गिरदावरी को तुरंत शुद्ध करने के लिए पटवारियों को पाबंद करे. यह सुनिश्चित किया जाए कि इस दौरान पटवारी मुख्यालय पर उपस्थित रहे.