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Baran News: बारां में कॉलेज का लोकार्पण करेंगे राज्यपाल कलराज मिश्र, 1 करोड़ की लागत से बदली सूरत
राजकीय प्रेमसिंह सिंघवी महाविद्यालय की सूरत संवारने के लिए करीब एक करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है. 19 नंवबर को राज्यपाल इसका लोकार्पण करेंगे.
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Baran News: प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र 19 नवंबर को बारां के छीपा बड़ौद आएंगे. यहां वे निवनिर्मत प्रेमसिंह सिंघवी राजकीय महाविद्यालय का लोकार्पण करेंगे. इस अवसर पर आयोजित समारोह की अध्यक्षता झालावाड़-बारां सांसद दुष्यंत सिंह करेंगे. इसके अलावा अन्य कार्यक्रमों में भी शामिल होंगे.
छबड़ा-छीपा बड़ौद के विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने बताया कि पूर्व में उनके पिता प्रेमसिंह सिंघवी के नाम से महाविद्यालय का निर्माण कराया था. बाद में सरकार ने इसे राजकीय महाविद्यालय का दर्जा दिया. इस दौरान महाविद्यालय की सूरत संवारने के लिए करीब एक करोड़ रुपए की राशि और व्यय की गई. जिससे महाविद्यालय के भवन के विस्तार के साथ अन्य सुविधाएं भी विकसित की गई हैं. अब छबड़ा विधानसभा क्षेत्र जिले का तीसरा उपखंड है, जहां दो सरकारी कॉलेज हैं.
'मध्य प्रदेश की जगह राजस्थान में आते चीते'
विधायक सिंघवी ने प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में अफ्रीका से लाए गए चीतों को कूनो में बसाने के लिए राज्य सरकार की उदासीनता जिम्मदार है. पूर्व में जिले के शेरगढ़ अभयारण्य में चीते बसाने की योजना थी, इसके लिए क्षेत्र का वन्य जीव विशेषज्ञों ने अध्ययन किया था, जिसमें देश में शेरगढ़ को उपयुक्त माना गया था. यहां 7 हजार हैक्टेयर ग्रासलैंड है, जो चीतों को रास आते हैं, लेकिन मौजूदा प्रदेश सरकार के रुचि नहीं दिखाने से बारां जिले में आने वाले चीते मध्यप्रदेश के कूनो राष्ट्रीय अभयारण्य में छोड़े गए.
सरकार की इच्छाशक्ति पर उठाए सवाल
प्रदेश की मौजूदा सरकार की इच्छाशक्ति पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार इस बारे में सचेत होकर कार्य करती तो आज बारां जिले देश के पर्यटन मानचित्र पर अपनी विशिष्ठ पहचान बना लेता. यहां पर्यटकों की आवाजाही से पर्यटन के नए द्वार खुलते और जिले के लोगों को रोजगार मुहैया होता.
किसानों को नहीं मिला मुआवजा
सिंघवी ने कहा कि इस वर्ष भी अतिवृष्टि से सोयाबीन समेत खरीफ की अन्य फसलों में व्यापक खराबा हुआ है. किसानों को वर्ष 2019 व 2021 के खराबे का मुआवजा भी यह सरकार नहीं दे सकी. अब इस वर्ष का मुआवजा कब मिलेगा, यह सरकार को स्पष्ट करना चाहिए.
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