Udaipur News: झीलों की नगरी उदयपुर जहां गुजराती पर्यटकों की हर समय भरमार रहती है. लेकिन हम यह भी जानते हैं कि गुजराती लोगों को मीठा टेस्ट पसंद है और राजस्थान में तीखा खाया जाता है. फिर भी उदयपुर में एक ऐसी होटल है जहां गुजराती के साथ साथ हर तरह का टेस्ट मिल जाएगा. बड़ी बात तो यह कि यहां के टेस्ट के सिर्फ गुजराती या राजस्थानी ही नहीं फ़िल्म स्टार और वीवीआईपी भी दीवाने हैं. यह है नटराज होटल, जो पिछले 60 साल से वहीं टेस्ट दे रहा है जिससे उसने शुरुआत की थी. अभी इसका मैनेजमेंट तीसरी पीढ़ी संभाल रही है.
60 साल पहले हुई स्थापना
नटराज होटल के मालिक जतिन श्रीमाली ने बताया कि उनके दादाजी भूरालाल श्रीमाली ने वर्ष 1968 में नटराज की स्थापना की थी. मकसद यह था कि अतिथि देवो भव, कोई भी मेहमान यहां आए तो प्रसन्न होकर ही जाए. इसके लिए आज दिन तक क्वालिटी से समझौता नहीं किया. इसी से कस्टमर यहां लगातार आते गए और इस यहां के टेस्ट के दीवाने हो गए. उनके ताऊजी रविंद्र जी जितेंद्र जी देवेंद्र जी ने भी इस परंपरा को आगे बढ़ाया इसके बाद वर्ष 2006 में एक और नटराज डाइनिंग हाल कक स्थापना की. पहले वाला मुख्य बापू बाजार में और दूसरा रेलवे स्टेशन पर हैं.
उदयपुर में सिर्फ यही गुजराती टेस्ट
उदयपुर में हजारों की संख्या में हर माह गुजराती पर्यटक आते हैं, इसके पीछे कारण है राजसमन्द जिले के नाथद्वार स्थिति श्रीनाथ मंदिर. यहां दर्शन करने के बाद गुजराती लोग उदयपुर आते है. उदयपुर में सिर्फ नटराज ही है जो गुजराती लोगों का पारंपरिक खाना दे रहा है. सीजन के समय तो यहां वेटिंग चलता है. यहाँ गुजराती थाली के साथ-साथ राजस्थान थाली भी मिलती है जिसकी कीमत 300 रुपए हैं. इसमें मीठी दाल-कड़ी फैमस है. इन दोनों के साथ थाली में 4 सब्जी, भाखरी, 4 सब्जी, दाल चावल, कढ़ी खिचड़ी, ढोकला, हांडवा, रोटी मिलती है. मिठाई में गेवर ,श्रीखंड ग्राहक बहुत पसंद करते हैं राजस्थानी दाल बाटी भी ग्राहक बहुत पसंद करता है पुराने नटराज में 230 रुपए की थाली मिलती है.
वीवीआईपी कर चुके विजिट
यहां कई राजनीतिक पार्टियों के नेता तो आते ही है इसके साथ यहां अभिनेता कार्तिक आर्यन, इम्तियाज अली आ चुके हैं, जिन्हें यहां की कढ़ी खिचड़ी बहुत पसंद आई थी. इसके अलावा डिस्कवरी चैनल के एंथनी बोर्डन राजस्थान आए थे, वह भी नटराज में स्पेशल खाना खाने उदयपुर पहुंचे थे. इसके अलावा ब्लॉगर्स तो आए दिन यहां आते रहते हैं और स्टोरी बनाते हैं. यहां के मालिकों के दावा है कि कोई 90 के दशक में यहां कोई खाना खाकर गया होगा और वह अभी फिर खाएगा तो उसे टेस्ट में कोई अंतर नहीं लगेगा.
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