Jodhpur News: जोधपुर के एक हैंडीक्राफ्ट कारोबारी (Handicraft Businessman) से विदेश में बैठे शातिर ठगों ने 16 करोड़ 26 लाख रुपए की ठगी (Fraud) कर ली. ठगों ने हैंडीक्राफ्ट कारोबारी को निवेश पर 20 से 40% रिटर्न देने का झांसा दिया था. शातिर ठगों ने मेंबरशिप को लेकर व्यवसायी को कई लुभावने ऑफर दिए. उन लुभावने ऑफर के जाल में फंसकर हैंडीक्राफ्ट कारोबारी ठगी का शिकार हो गया.


कारोबारी ने पुलिस में दर्ज कराया मामला


 हैंडीक्राफ्ट कारोबारी ने निवेश किए हुए और रिटर्न के पैसे वापस नहीं लौटाने पर जोधपुर के महामंदिर पुलिस थाने में ठगी का मामला दर्ज करवाया है. पुलिस का कहना है कि चूकीं लेनदेन भारत की बैंकों में ही हुआ इसलिए यह देश में ही बैठे किसी विदेशी अपराधी की कारिस्तानी हो सकती है.  यह भी अंदेशा जताया जा रहा है कि देश में बैठकर ही ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले गिरोह के तार भी स्थानीय बदमाशों से जुड़े हो सकते हैं.


मामले को लेकर क्या बोली पुलिस


मामले को लेकर एसएचओ हरीश सोलंकी ने बताया कि पावटा क्षेत्र में रहने वाले अरविंद कलानी हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर हैं. उनके बनाए प्रोडक्टस अमेरिका सहित कई देशों में एक्सपोर्ट होते हैं. 31 अक्टूबर को अरविंद के पास व्हाट्सएप पर मैसेज आया. मैसेज भेजने वाले ने अपना नाम इस्ला डोमिनिक बताया. उसने अपनी खुद की कंपनी का नाम मेटा बताया और अपनी वेबसाइट का पता भी भेजा. इसके बाद उसने अरविंद के वॉट्सऐप पर ही माइक बी फोरे, इंड्रयू रिच, राफेल सोरोस और निक फॅल्कर नाम के लोगों से एडवाइजर के रूप में संपर्क करवाया. सभी विदेशी नाम होने से अरविंद उसके झांसे में आ गए.


निवेश पर मोटे रिटर्न का दिया झांसा


ठगों ने मल्टी लेवल मार्केटिंग मेंबरशिप के नाम पर अरविंद को अपने झांसे में लिया. ठगों ने कहा कि यदि वह कंपनी में इन्वेस्टमेंट करेंगे तो उन्हें निवेश पर 20 से 40% रिटर्न मिलेगा, साथ ही ठगों ने रिटर्न की गारंटी भी ली थी. ठगों ने अपनी कंपनी की ब्रॉन्ज, सिल्वर, प्लेटिनम और गोल्ड मेंबरशिप की जानकारी देते हुए कहा कि सभी मेंबरशिप की अलग-अलग फीस है.


ठगों के झांसी में आकर हैंडीक्राफ्ट कारोबारी अरविंद ने सिल्वर मेंबरशिप ली जिसकी फीस 2 लाख 25 हजार रुपए थी. अरविंद ने उनके बताए खाते में मेंबरशिप की फीस ट्रांसफर कर दी. अरविंद ने यह पेमेंट ऑनलाइन ट्रांजैक्शन किया. उस दौरान इस पेमेंट का अरविंद को अच्छा रिटर्न मिला तो उन्होंने और एक लाख चार हजार रुपए एचडीएफसी बैंक में ट्रांसफर कर दिए फिर धीरे-धीरे ठगों ने अरविंद को विश्वाश में लेकर 21 नवंबर तक 5-10-15-20-35 लाख ट्रांसफर करवा लिए. जब तक अरविंद  ठगों के इरादे समझ पाते तब तक काफी देर हो चुकी थी. शातिर ठगों ने विश्वास दिलाने के लिए एग्रीमेंट, डिजिटल सिग्नेचर तक दिए. ठग इतने शातिर थे कि 21 दिनों में उन्होंने 101 ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करवाए. देश के अलग-अलग बैंक में पैसे ट्रांसफर करवाए.


विदेश में बैठे शातिर ठग शुरुआत में अरविंद के रुपए से ही उसे रिटर्न कर अच्छा प्रॉफिट देते रहे. सिल्वर मेंबरशिप के बाद अरविंद को ठगों ने और बड़ा लाभ देने के लिए उसको मेंबरशिप का लेवल बढ़ाने की बात कही. पहले तो अरविंद ने मेंबरशिप लेवल बढ़ाने से इनकार कर दिया और ठगों से 6 लाख डॉलर वापस लौटाने की बात कही. इसके बाद आरोपिंयों ने उनका व्हाट्सएप ब्लॉक कर दिया. इसके बाद अरविंद को ऐहसास हो गया कि वह ठगे जा चुके हैं.


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