Jhunjhunu News: जम्मू कश्मीर में राजौरी के परगल आतंकी हमले में घायल झुंझुनू के जैतपुर निवासी हवलदार सतपाल सिंह शहीद हो गए हैं. 10 दिन से वह वेंटिलेटर पर थे और रविवार को उधमपुर के आर्मी हॉस्पिटल में उन्होंने अंतिम सांस ली. शहीद सतपाल सिंह का पार्थिव देह आज शाम तक पहुंचने की संभावना है. दरअसल 10 अगस्त को दो आतंकियों ने सेना के कैंप में घुसकर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं. इसमें झुंझुनू के मालीगांव निवासी सूबेदार राजेंद्र भांबू समेत चार जवान शहीद हो गए थे.
मिल चुका है खास अवार्ड
शहीद सतपाल सिंह साल 2002 में 11 राजरीफ में भर्ती हुए थे. उन्हें उत्कृष्ट सेवा के लिए उन्हें चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन कार्ड अवार्ड भी दिया जा चुका है. 18 जून 2019 में उनकी शादी मामराज का बास निवासी नितेश देवी के साथ हुई, वीरांगना ग्रहणी है. बेटी प्रीति 15 वर्षीय 11वीं में पढ़ रही है, जबकि 12 साल का बेटा शांतनू 9वीं में पढ़ रहा है. दोनों बच्चे पिलानी में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं. माता ग्रहणी है, पिता अंतर सिंह सेवानिवृत्त फौजी थे जिनका निधन हो चुका है.
3 जुलाई को ही लौटे थे ड्यूटी पर
सतपाल सिंह तीन भाइयों में दूसरे नंबर के थे. बड़े भाई नवाब सूबेदार राजेश सिंह, राजरिफ ग्लेशियर में तैनात हैं. छोटा भाई कुलदीप एडवोकेट है, सतपाल जून में छुट्टी आए थे. 3 जुलाई को ही डेढ़ माह की छुट्टी पूरी कर ड्यूटी पर गए थे. सतपाल के माथे (ललाट) में गोली लगी थी उनका उधमपुर के आर्मी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था. उनका एक मेजर ऑपरेशन भी हुआ था. 10 दिन से सतपाल की घायल होने की सूचना के बाद भाई एडवोकेट कुलदीप जम्मू में तनाव सूबेदार राजेश सिंह जी उधमपुर पहुंच गए थे.
आज देर शाम तक पहुंचेगा पार्थिव शरीर
शहीद के भाई राजेश ने बताया कि सतपाल को सोमवार सुबह 11 बजे उधमपुर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा. शाम 5 बजे फ्लाइट से पार्थिव देह दिल्ली रवाना होगी, दिल्ली से राजरिफ सेंटर में उनको गार्ड ऑफ ऑनर देकर दिल्ली से रेवाड़ी, नारनौल होते हुए रात्रि को पार्थिव देह बुहाना लाई जाएगी, मंगलवार को राजकीय सम्मान से अंतेष्टि होगी.
परिवार के कई लोग हैं सेना में
जम्मू कश्मीर के आतंकी हमले में शहीद हुए जैतपुर निवासी हवलदार सतपाल सिंह का परिवार देश रक्षा में रहा है. तीन भाइयों में से दो भाई राजरीफ में है. उनके पिता व 6 ताऊ भी फौज में रहे हैं. शहीद सतपाल के दादा गणेशाराम किसान थे. उनके सात बेटे थे और सभी फौज में रहे. इनमें से चार का निधन हो चुका है. भाइयों में सबसे बड़े हवलदार महा सिंह, दूसरे हवलदार दिलीप सिंह, तीसरे बृजलाल सिंह सूबेदार, चौथे सूबेदार जीत राम सिंह, पांचवे कृपाल सिंह इंस्पेक्टर राजेश सिंह व सबसे छोटे हवलदार अंतर सिंह हैं. दूसरी पीढ़ी में इस परंपरा को सतपाल व उसके बड़े भाई राजेश सिंह ने आगे बढ़ाया.
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