Bundi News: कलेक्टर के लेटर लिखने के बाद भी नहीं मिला नेत्रहीन छात्र को प्रवेश पत्र, हाईकोर्ट में सुनवाई आज
नेत्रहीन छात्र रोहित दौलतानी का ई मित्र वाले ने बी एड दो वर्ष की जगह पर बीए बीएड चार वर्ष का विकल्प चयन करते हुए फार्म भर दिया. वहीं आज इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी.
Rajasthan News: राजस्थान के बूंदी में ई मित्र चलाने वाले शख्स की गलती के कारण बीएड परीक्षा से वंचित हुए नेत्रहीन छात्र रोहित दौलतानी का मामला राजस्थान हाईकोर्ट में पहुंच गया है. नेत्रहीन छात्र का भविष्य बचाने के लिए कई छात्र लगातार प्रयास कर रहे हैं इन स्टूडेंट्स ने बताया कि छात्रों ने बताया कि नेत्रहीन छात्र रोहित दौलतानी को आगामी 3 जुलाई को होने वाली प्रवेश परीक्षा में अनुमति दिलवाने के लिए छात्र की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर में याचिका दायर की गई है, जिस पर आज गुरुवार दोपहर को सुनवाई होगी.
फॉर्म भरने में हुई गलती
दरअसल बूंदी बालचन्द पाड़ा निवासी नेत्रहीन छात्र रोहित दौलतानी का ई मित्र वाले ने बी एड दो वर्ष की जगह पर बीए बीएड चार वर्ष का विकल्प चयन करते हुए फार्म भर दिया. जिससे पिछले एक वर्ष से प्रतिदिन कई घंटों तक ऑडियो सुनकर बीएड की तैयारी कर रहे रोहित का भविष्य संकट में आ गया है और छात्र के प्रवेश परीक्षा से वंचित होने का खतरा मंडरा रहा है. रोहित का दूसरा भाई जतिन भी पूरी तरह नेत्रहीन है.
कलेक्टर के पत्र लिखने के बाद भी नहीं मिला प्रवेश पत्र
सोमवार को जिला कलेक्टर रेणु जयपाल ने भी रोहित को एडमिट कार्ड दिलाने का आग्रह किया था. उन्होंने राजस्थान सरकार के शिक्षा सचिव भवानी सिंह देथा सहित बीएड परीक्षा आयोजित कर रहे जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार,परीक्षा नियंत्रक व पीटीईटी समन्वयक से दूरभाष पर नेत्रहीन छात्र रोहित दौलतानी को बीएड चार वर्ष के प्रवेश पत्र के स्थान बीएड दो वर्ष का संशोधित प्रवेश पत्र जारी करने का आग्रह किया था. जिस पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने जिला कलेक्टर को नेत्रहीन छात्र का संशोधित प्रवेश पत्र जारी करने का भरोसा दिलाया था. जिला कलेक्टर ने छात्र की सहायता के लिए अपनी ओर से आधिकारिक पत्र भी लिखा था. लेकिन बुधवार रात विश्वविद्यालय द्वारा रोहित का संशोधित प्रवेश पत्र जारी नहीं करने से मामला उलझता जा रहा है.
उम्मीद है न्याय मिलेगा- परिजन
रोहित को परीक्षा की अनुमति दिलवाने के लिए आवाज उठा रहे परिजन और छात्रों ने कहा कि बूंदी जिला कलेक्टर रेणु जयपाल को छात्र का संशोधित प्रवेश पत्र जारी करने का भरोसा दिलाने के बाद भी जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय द्वारा नेत्रहीन छात्र को अभी तक बीएड दो वर्ष की परीक्षा की अनुमति नहीं देना दुर्भाग्यपूर्ण है. हम आखिर तक हर स्तर पर प्रयास करते रहेंगे और उम्मीद है कि इस मामले में न्याय मिलेगा.
ये भी पढ़ें