(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajasthan Politics: कैसे सुलझेगा राजस्थान में गहलोत और पायलट की लीडरशिप का मामला? कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया
Rajasthan News: भारत जोड़ो यात्रा में शामिल जयराम रमेश ने बताया, मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य नेता जो भी समाधान पेश करेंगे वह केवल एक सिद्धांत पर आधारित होगा कि संगठन ही सर्वोच्च है.
Rajasthan News: कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि संगठन सर्वोच्च है, न कि व्यक्ति और इसी सिद्धांत पर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को राजस्थान में नेतृत्व की लड़ाई का समाधान निकालना होगा. दरअसल राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की कन्याकुमारी से कश्मीर के लिए जारी ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ चार दिसंबर को मध्य प्रदेश से राजस्थान में प्रवेश करने वाली है.
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके प्रतिद्वंदी और प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सत्ता संघर्ष काफी समय से जारी है. गहलोत द्वारा पायलट के लिए हाल ही में कथित तौर पर ‘‘गद्दार’ शब्द का इस्तेमाल किए जाने के बाद उनके बीच तल्खी और बढ़ गई है. 2018 में राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद से गहलोत और पायलट के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान जारी है.
यह व्यक्ति ए या व्यक्ति बी का सवाल नहीं है- जयराम रमेश
भारत जोड़ो यात्रा में शामिल रमेश ने बताया, ‘‘मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य नेता जो भी समाधान पेश करेंगे वह केवल एक सिद्धांत पर आधारित होगा कि संगठन ही सर्वोच्च है. इसलिए जो भी समाधान लागू होगा वह व्यक्ति ए या बी के दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि संगठन के दृष्टिकोण से लागू किया जाएगा.’’पार्टी के संचार प्रभारी महासचिव ने कहा, ‘‘ जो कुछ भी लागू किया जाएगा वह संगठन के हित में होगा. यह व्यक्ति ए या व्यक्ति बी का सवाल नहीं है. यह कांग्रेस पार्टी है. कांग्रेस को 2023 के विधानसभा चुनाव (राजस्थान सहित कुछ राज्यों में) और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए मजबूत और तैयार रहना होगा.’’
दोनों नेता हैं पार्टी के लिए ‘एसेट’
क्या गहलोत (71), पायलट (45) को राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के रुप में स्वीकार करेंगे ? इस पर रमेश ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने साफ तौर पर कहा है कि दोनों नेता पार्टी के लिए ‘एसेट’हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ गहलोत एक वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं जबकि पायलट एक युवा, लोकप्रिय और ऊर्जावान नेता हैं. दोनों पार्टी की ‘एसेट’ हैं और पार्टी में दोनों की जरुरत है.’’रमेश शुक्रवार को मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में कांग्रेस सेवादल मार्च का नेतृत्व कर रहे थे. यात्रा में सुबह छह बजे से राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह और उनके विधायक पुत्र जयवर्धन सिंह तिरंगा लेकर शामिल हुए.
छत्तीसगढ़ में भारी बहुमत से जीतेंगे- जयराम रमेश
रमेश से पूछा गया कि छत्तीसगढ़ में क्या ‘‘50-50 का फॉर्मूला’’ लागू किया जाएगा जहां खबरों के मुताबिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच सत्ता संघर्ष जारी है ? इस सवाल को रमेश ने टालते हुए कहा कि उनकी पार्टी 2023 के विधानसभा चुनाव में इस राज्य में जीत हासिल करेगी. उन्होंने कहा, ‘‘ 50-50 का फॉर्मूला और इस सब के बारे में मुझे मालूम नहीं है लेकिन मैं आपको बता सकता हूं कि पार्टी एकजुट है और हम 2023 का विधानसभा चुनाव (छत्तीसगढ़ में) भारी बहुमत से जीतेंगे.’’
जयराम रमेश बोले- कांग्रेस पार्टी को बनाना है मजबूत
जून 2021 में बघेल के मुख्यमंत्री के रुप में ढाई साल पूरे करने के बाद कांग्रेस के दोनों नेताओं के बीच प्रतिद्वंद्विता खुलकर सामने आई. सिंहदेव के समर्थकों ने तब दावा किया था कि 2018 में बनी एक समझ के अनुसार बघेल का आधा कार्यकाल पूरा होने के बाद सिंहदेव को मुख्यमंत्री का पदभार संभालना था. क्या छत्तीसगढ़ विधानसभा का चुनाव बघेल के नेतृत्व में लड़ा जाएगा ? इस पर रमेश ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है.उन्होंने कहा, ‘‘ हर किसी की एक व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा होती है, लेकिन अभी राहुल गांधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरु की है. हमें व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को भूल जाना चाहिए. हमारा अब एक ही उद्देश्य है--जो कि यात्रा को एक बड़ी सफलता बनाना है और कांग्रेस पार्टी को मजबूत बनाना है. यह देखना है कि पिछले 86 दिनों में राहुल गांधी के प्रयासों ( भारत जोड़ो पदयात्रा) को कैसे आगे बढ़ाया जाए.’’
गुजरात के लोग चाहते हैं बदलाव- जयराम रमेश
पार्टी महासचिव ने कहा ‘‘ इसलिए किसी भी कांग्रेसी के लिए यह समय नहीं है कि वह खुद के बारे में सोचे, मेरा क्या होगा. मेरा क्या होगा यह सोचें.‘‘ ’’गुजरात विधानसभा चुनाव के बारे में पूछे जाने पर रमेश ने कहा कि उन्होंने इस पर अधिक ध्यान नहीं दिया क्योंकि वह भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों में व्यस्त थे. लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि लोग वहां बदलाव चाहते हैं. उन्होंने दावा किया, ‘‘ वास्तव में, शिक्षा, स्वास्थ्य और महंगाई के मामले में किसी ठोस विकास के अभाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दोनों को एक ध्रुवीकृत और सांप्रदायिक अभियान चलाने के लिए गुजरात में डेरा डालने पर मजबूर होना पड़ा.’’रमेश ने ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ के सुचारु संचालन के लिए मध्य प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व की सराहना की.
सात सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से कश्मीर तक कांग्रेस का यह व्यापक जनसंपर्क कार्यक्रम शुरू हुआ था. राहुल की अगुवाई वाली यह यात्रा महाराष्ट्र से गुजरने के बाद ‘‘दक्षिण का द्वार’’ कहे जाने वाले बुरहानपुर जिले के बोदरली गांव से मध्य प्रदेश में 23 नवंबर को दाखिल हुई थी.यह यात्रा चार दिसंबर को राजस्थान में दाखिल होने से पहले, 12 दिन के भीतर पश्चिमी मध्य प्रदेश के मालवा-निमाड़ अंचल में 380 किलोमीटर का फासला तय करेगी. प्रदेश में यात्रा अब तक बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, इंदौर और उज्जैन जिलों से होकर गुजरी है.