Jodhpur News: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) जोधपुर उद्योग जगत के भागीदारों के साथ मिल कर ऑयल और पेट्रोलियम रिफाइनरियों की क्षमता बढाने और हीट एक्सचेंजर्स के लिए डेटा पाइपलाइन बना रहा है. यहां मशीन लर्निंग मॉडल डेवलप किया है, इससे रिफाइनरियों के बार-बार खराब होने की समस्या का समाधान होगा. यही नहीं रिफाइनरियों के रखरखाव के लिए शटडाउन या बायपास करने की जरूरत नहीं रहेगी. आईआईटी जोधपुर के केमिकल इंजीनियंरिग विभाग के विशेषज्ञ और रिसर्च टीम एल्गो 8 एआई प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से यह मॉडल तैयार कर रही है.


डेटा पर आधारित मॉडल तैयार
भविष्य की कथित चुनौतियों के समाधान के लिए रिसर्च टीम ने रिफाइनरियों की दक्षता बढ़ाने के लिए हीट एक्सचेंजर नेटवर्क के कंट्रोल और नियमित मेंटेनेंस के लिए डेटा पर आधारित मॉडल तैयार किया है. इससे प्री-हीट ट्रेनों की संपूर्ण और नियमित सफाई होगी, संयंत्रों की नियंत्रण व्यवस्था के लिए ग्राफिकल इंटरफेस और डेटा की गुणवत्ता संबंधी सफाई और पर्जिंग होगी. आईआईटी जोधपुर का यह मॉडल ऑयल रिफाइनरियों में हीट एक्सचेंजर के बार-बार खराब होने की समस्या का समाधान देगा और यह किसी भी पेट्रोलियम और उससे जुड़े उद्योगों में उपयोगी होगा. इसके साथ ही ऑयल रिफाइनरी की साइट पर पर हीट एक्सचेंजर यूनिट की इस मॉडल के आधार पर नियमित मेंटेनेंस कर देखभाल का खर्च कम आएगा.


आईआईटी जोधपुर में केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख प्रो. प्रदीप कुमार तिवारी और केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के एसिस्टेंट प्रोफेसर और एसएआईडीई के एफिलिएटेड फैकल्टी डॉ. आंगन सेनगुप्ता इस प्रोजेक्ट के लिए सलाह दे रहे है. उनकी रिसर्च टीम में पीजी के स्टूडेंट्स भी शामिल हैं.


प्रमुख केमिकल इंजीनियरिंग विभाग आईआईटी जोधपुर के प्रमुख प्रोफेसर प्रदीप कुमार तिवारी के अनुसार आईआईटी जोधपुर केमिकल इंजीनियरिंग में आधुनिक मॉडलिंग और कम्प्युटेशन-आधारित जानकारी का भंडार है. इसलिए हमारे शोधकर्ता इस तरह की बुनियादी समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने में सक्षम हैं. उन्होने बताया कि रिफाइनरियों में हीट एक्सचेंजर्स खराब होने की समस्या लगी रहती है. इसलिए, इन यूनिट को नियमित रूप से मेंटेन करने के लिए पूरी तरह शटडाउन करना होता है या फिर नेटवर्क की यूनिट को बायपास करना होता है. हीट एक्सचेंजर्स सही से काम करता रहें, इसके लिए नियंत्रण के साथ और सुनिश्चित रूप से इन्हें मेंटेन करना आवश्यक होता है. इस विशेष समस्या के समाधान के लिए प्रॉसेस इंजीनियरिंग और डेटा मॉडलिंग प्रौद्योगिकियों की बुनियादी समझ आवश्यक है.


'चुनौतियों से निपटने में सक्षम'
वहीं प्रोजेक्ट के बारे में डॉ. आंगन सेनगुप्ता, सहायक प्रोफेसर, केमिकल इंजीनियरिंग विभाग और एफिलिएटेड फैकल्टी, एसएआईडीई, आईआईटी जोधपुर ने कहा कि यह प्रोजेक्ट दर्शाता है कि वर्तमान केमिकल इंजीनियरिंग जिसके तहत इंडस्ट्री 4-0 की स्थापना के लिए कम्प्युटेशन एक अभिन्न भाग है. आज सामान्य केमिकल इंजीनियरिंग से बहुत आगे आ गया है और यह अलग-अलग प्रॉसेस इंडस्ट्रीज़ की नई चुनौतियों से निपटने में सक्षम है. आईआईटी जोधपुर का केमिकल इंजीनियरिंग विभाग ऐसी चुनौतियों का समाधान देने के लिए हर तरह से तैयार है.


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