Rajasthan News: राजस्थान के कोटा (Kota) में वर्षों से अवैध खनन (Illegal Mining) हो रहा है. चंबल (Chambal) बीच से भी रेत (Sand) निकालकर पर्यावरण (Environment) को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. अवैध खनन और व्यापार को बढ़ावा देने का आरोप प्रशासन (Administration) पर भी लग रहा है. कोटा शहर के कुन्हाड़ी, अनंतपुरा और रेलवे कॉलोनी थाना क्षेत्र में अवैध खनन, मारपीट, अधिकारियों के मारपीट और जान से मारने की धमकी देने समेत कई मामले दर्ज हैं. कई बार अवैध खनन में इस्तेमाल की गई ट्रैक्टर ट्रॉली जब्त करने संबंधी कार्रवाई देखी गई है लेकिन इससे माफियों (Mafias) के मंसूबे पर असर होता नहीं दिख रहा है. 


कोटा में पत्थरों की अनेक खान हैं जिन्हें लीज पर दिया जाता है लेकिन उन्हीं की आड़ में सेंड स्टोन का अवैध खनन हो रहा है. लीज व्यापारी कई बार इसकी शिकायत कर चुके हैं लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति देखी जा रही है. कुन्हाड़ी और नांता में प्रतिदिन करीब 700 से 800 ट्रॉली अवैध पत्थर निकाला जा रहा है, जिसकी कीमत 15-20 लाख रुपये आंकी जाती है. यहां दिन रात धमाके होते हैं, जिनकी आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई देती है. कोटा और आसपास के क्षेत्र में माला की मुई, बागलिया, आडीथाली, धनेश्वर चढ़ाई, बणज, सोरेला और रानपुर में अवैध सेंड स्टोन निकाला जा रहा है, जबकी रंगपुर, मानसगांव, नोटाना, पाटन और बूंदी के कई क्षेत्रों में रेत का अवैध व्यापार फल फूल रहा है.


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अवैध खनन माफियाओं पर यह भी आरोप


कोटा सहित कई गांव में चल रहे सेंड स्टोन के अवैध खनन के चलते पुलिस और माफियाओं की मुठभेड़ भी कई दफा हो चुकी है. एक बार माइनिंग विभाग के अधिकारियों पर भी हमला हो चुका है, जिसकी रिपोर्ट कुन्हाड़ी थाने में दर्ज कराई गई थी. रेलवे कॉलोनी थाना क्षेत्र में रेत माफियाओं ने पुलिस पर भी एक बार हमला किया था, वहीं कुन्हाड़ी में सेंड स्टोन माफियाओं ने 2019-20 में हमला किया था. हमले में सफर सिंह नामक व्यक्ति की मौत हो गई थी. अवैध खनन के लिए माफिया जेसीबी, ग्रेवल मशीन सहित कई संसाधनों का इस्तेमाल खुलेआम करते दिखाई देते हैं.


व्यापारियों ने यह कहा


कुछ जगहों पर लीज की आड़ में अवैध खनन चल रहा है. अवैध खनन के लिए वन विभाग और माइनिंग विभाग पर मिली भगत का आरोप लगता है. खनन माफियाओं को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने की भी बात कही जाती है. माइनिंग का काम करने वाले व्यापारियों के मुताबिक, वे अवैध खनन माफियाओं के खिलाफ कई बार थाने, वन विभाग और जिला प्रशासन में शिकायत कर चुके हैं, बैठकों में भी मुद्दे को उठाया जाता है लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि वे  सरकार को राजस्व देते हैं, इसके बाद भी अवैध खनन पर रोक नहीं लग पा रही है.


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