Rajasthan News: 1200 बीघा में 20 हजार पौधे लगाकर बनाया था जंगल, अब स्थानीय लोगों के साथ मवेशियों को भी हो रहा लाभ
Baran News: ग्रामीणों ने लगातार दो साल पौधरोपण किया. सभी का सामूहिक प्रयास रंग लाया और अब यहां का प्राकृतिक सौंदर्य दिखाई देने लगा है.
Rajasthan News: हाड़ौती संभाग में पर्यावरण संरक्षण को लेकर काफी जागरूकता देखने को मिल रही है. ऐसे में पौधा रोपण अभियान वरदान बनता जा रहा है. बारां जिले के बनठुनी में वन विभाग, वन संरक्षण समिति और ग्रामीणों के आपसी सहयोग से 1200 बीघा में पौधे लगाए गए. अब यहा घना जंगल बन गया है.
कई प्रजातियों के पेड़ यहां की हवा बदल रहे हैं. इतना ही नहीं अब यहां जंगली जानवर भी अपना आशियाना बना रहे हैं. जंगल में नीलगाय, हिरण, खरगोश, जंगली सूअर, सांप मौजूद हैं. देशी विदेशी पक्षियों का भी यहां आना शुरू हो गया है. कुछ जानवरों और पक्षियों ने स्थायी आशियाना बनाया है.
20 हजार रोपे गए पौधे बने वृक्ष
बारां में वन संरक्षण समिति के सदस्यों का कहना है कि वर्ष 2003 में तत्कालीन रेंजर (वर्तमान डीएफओ) दीपक गुप्ता की सलाह से ग्रामीणों ने लगातार दो साल पौधरोपण किया. 1200 बीघा वन भूमि की कच्ची सुरक्षा दीवार बनाई. उसके बाद यहां लगातार देखरेख होता रहा. सभी का सामूहिक प्रयास रंग लाया और अब यहां का प्राकृतिक सौंदर्य दिखाई देने लगा है.
महात्मा गांधी नरेगा ने भी योजना मे सहयोग किया. ग्रामीण इसकी सुरक्षा के लिए लगातार जागरुक रहता है. यहां करीब 20 हजार पौधरोपण किए गए. यहां कैर, धोक, नीम, बड़, पीपल, आंवला और फलदार पौधे भी लगाए गए, जिससे पक्षियों को लाभ हो सके.
2012 में मिल चुका अमृता देवी पुरस्कार
इस जंगल से स्थानीय निवासियों के साथ मवेशियों को भी लाभ हो रहा है. जहां मवेशियों के लिए हरा चारा मिल रहा है वहीं ईधन के लिए सूखी लकड़ी मिल रही है. साल 2012 में प्लांटेशन को लेकर बांसथूनी वन सुरक्षा समिति को अमृता देवी पुरस्कार मिल चुका है. स्थानीय स्तर पर भी कई बार सम्मान हो चुका है. इस वन क्षेत्र को और घना करने का प्रयास किया जा रहा है. बरसात में हर वर्ष यहां हजारों पौधे लगाने के साथ उनका संरक्षण का संकल्प लिया गया है.
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