Bharatpur News: भरतपुर में दबंगों के डर से कलेक्टर ऑफिस के बाहर बच्चों के साथ अनशन पर बैठा परिवार, नहीं हो रही कोई सुनवाई
राजस्थान के Bharatpur में एक परिवार दबंगों के डर से गांव छोड़ने को मजबूर है. दबंगों ने परिवार की जमीन पर तो कब्जा कर ही लिया है वहीं उन्हें गांव छोड़ने की भी चेतावनी दी है.
Bharatpur News: राजस्थान के भरतपुर में सरकार की उदासीनता के चलते एक परिवार गांव छोड़ने को मजबूर हो गया है. दरअसल यहां दबंगों ने एक परिवार को चेतावनी दी है कि वे उन्हें गांव में नहीं रहने देंगे. इससे पहले दबंगों ने पीड़ित की जमीन पर कब्जा कर परिवार के दो लोगों के हाथ पैर भी तोड़ दिए थे. वहीं पीड़ित परिवार की कहीं कोई सुनवाई भी नहीं हो रही है. ऐसे में मजबूरन पीड़ित परिवार जिलाधिकारी के कार्यालय पर आमरण अनशन पर बैठ गया है.
ये है मामला
राजस्थान के भरतपुर जिले की नदबई तहसील के गांव ऊंच में हेतराम के परिवार ने पीड़ित पूरन सिंह के परिवार की जमीन पर कब्जा कर लिया है. विरोध करने पर दबंगों ने उनके परिवार के दो लोगों के साथ जमकर मारपीट भी की थी. वहीं पीड़ित परिवार ने जिला स्तर के सभी अधिकारियों से शिकायत भी की थी और जयपुर में भी सरकार के प्रतिनिधियों से गुहार लगाई थी. लेकिन किसी ने इस परिवार की सुनवाई नहीं की. पीड़ित परिवार की जमीन से दबंगों को आज तक नहीं हटाया गया और ना ही उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई की जा सकी है. इतना ही नहीं दबंग लोग पीड़ित परिवार को जान से मारने की धमकी दे रहे है और अब पीड़ित परिवार गांव छोड़ने के लिए मजबूर हो रहा है.
पीड़ित परिवार अपने छोटे बच्चों के साथ आमरण अनशन पर बैठा
हारकर पीड़ित परिवार अपने छोटे-छोटे बच्चों और महिलाओं को लेकर जिला कलेक्टर कार्यालय पर आमरण अनशन पर बैठ गए हैं. पीड़ित परिवार का आरोप है की जिला कलेक्टर को नदबई में हुई जनसुनवाई में भी दबंगो के बारे में अवगत कराया था. उसके बाद भी कई बार गुहार लगाई है लेकिन जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने कोई सुनवाई नहीं की है ऐसे में परिवार आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर हो गया है.
क्या कहना है पीड़ित पूरन का
पीड़ित पूरन ने कहा की हमारी जमीन पर दबंगों ने कब्ज़ा कर लिया है.हमारे साथ उन्होंने मारपीट की थी जिसमे हमारे हाथ पैर तोड़ दिए गए थे. पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई मगर पुलिस ने उनको गिरफ्तार तक नहीं किया. कलेक्टर से लेकर जिला एसपी तक और जयपुर तक हमने गुहार लगाई मगर कोई सुनने को तैयार नहीं है. अब दबंग गांव से भगाने के लिए दबाव बना रहे हैं. इसलिए अब हम कलेक्ट्रेट पर अनशन पर बैठने को मजबूर हैं, या तो जिला कलेक्टर हमारी गुहार सुने या हमे जेल भेज दें.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चन्द्रप्रकाश ने क्या कहा
वहीं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चन्द्रप्रकाश शर्मा ने बताया कि अनशन पर बैठे परिवार का पड़ोसी के साथ जमीनी विवाद है. इन्होंने जो प्रकरण दर्ज कराया है उसमे अनुसंधान करने के बाद 4 लोगों को अभियुक्त माने गए हैं. इसके बाद इस केस की फाइल सीआईडी सीबी में वेरिफिकेशन के लिये चली गई थी. अब यह फाइल हमें जून में प्राप्त हुई है. एक मुल्जिम पहले ही गिरफ्तार हो चुका है. शेष तीन मुलजिमों को जल्दी ही गिरफ्तार कर लिया जायेगा.