Udaipur News: राजस्थान में दो दिन का शिक्षक शैक्षिक सम्मेलन आयोजित किया गया. इसमें शिक्षकों के विभिन्न संगठनों ने अलग-अलग स्थानों पर आयोजन हुए. पहले दिन के कार्यक्रम में शिक्षकों ने राजस्थान में शिक्षा के स्तर पर चर्चा की और अपनी मांगों का ब्यौरा बनाया. वहीं दूसरे दिन खुला अधिवेशन हुआ जिसमें शिक्षकों ने शिक्षा से जुड़ी समस्याओं के बारे में चर्चाएं की. हालांकि यह शैक्षिक सम्मेलन हर साल होता है जिसमें शिक्षक कई मांगे करते हैं लेकिन पूरी नहीं होती. 


दी आंदोलन की चेतावनी
इस सम्मेलन में ऐसी भी मांगे सामने आईं जो शिक्षक कई सालों से करते आ रहे हैं. इधर राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष शेर सिंह चौहान ने बताया कि अधिवेशन में जो मांगे निकलकर आई हैं उन्हें राज्य सरकार के सामने रखी. मांगे नहीं मानने पर आंदोलन किया जाएगा. खास बात यह है कि राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव है और सबसे बड़ा शिक्षा विभाग ही है जिसमें हजारों वोटर हैं. 


सम्मेलन में शिक्षकों की यह रही मांगे
- सरकार विद्यालयों को तो क्रमोन्नत कर रही किंतु विद्यालयों के सफल संचालन के लिए शैक्षिक एवं मंत्रालयिक कर्मचारी उपलब्ध नहीं करा रही. यहां कर्मचारी उपलब्ध कराए.
- एक ही प्रदेश में दो सरकारों जैसा रवैया, जहां एक ओर सभी शिक्षकों को शिक्षक सम्मेलन हेतु अवकाश दिया जाता है तो वहीं आवासीय विद्यालय में कार्यरत शिक्षकों को अवकाश नहीं दिया जाता. इन्हें भी अवकाश मिले.
- अपनी योग्यता से व्याख्याता पद अर्जित करने वाले शिक्षकों के साथ सरकार दुर्व्यवहार ना कर उन्हें भी 9, 18, 27 वर्षीय एसीपी का लाभ देना सुनिश्चित करें.
- शिक्षकों को बूथ लेवल अधिकारी एवं गैर शैक्षिक कार्यों से पूर्ण मुक्त रखा जाए जिससे बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो. 
- शिक्षकों के स्थानांतरण की स्थाई एवं पारदर्शी नीति बनाई जाए.
- पुरानी पेंशन योजना लागू हुई, जिसमें जो राशि शिक्षक अपने एनपीएस खाते से निकाल चुके हैं उसे फिर से जमा कराने का आदेश वापस लिया जाए.


ये भी पढ़ें


Rajasthan Congress Crisis: 'सीएम पद से इस्तीफा नहीं दे रहे हैं अशोक गहलोत', सियासी संकट के बीच बोले मंत्री प्रताप सिंह


Bundi News: दिनदहाड़े गैंगवार, आधा दर्जन बदमाशों ने दो भाइयों पर किया जानलेवा हमला, Video Viral