Rajasthan News: राजस्थान में धर्म परिवर्तन (Religious Conversion) करवाने का एक और मामला सामने आया है. नया मामला राजधानी जयपुर का है, जहां गरीब और जरूरतमंद लोगों को प्रलोभन देकर धर्म बदलने का दबाव दिया जा रहा है. प्रार्थना के नाम पर सभा का आयोजन कर लोगों को हिंदू देवी-देवताओं के खिलाफ भड़काया जा रहा है. इतना ही नहीं, देव प्रतिमाओं को फेंकने के लिए कहा जा रहा है. मामले का खुलासा होने के बाद प्रशासन ने प्रार्थना सभा की अनुमति रद्द कर जांच शुरू की है.


वाटिका में सभा का आयाोजन
मामले के अनुसार, राजधानी जयपुर के सिमलिया रोड इलाके में स्थित शिव सागर वाटिका में प्रार्थना सभा का आयोजन रखा गया. आयोजक ने प्रचार-प्रसार के लिए इलाके में कई पोस्टर और होर्डिंग्स लगाए. 28 अक्टूबर 2022 को होने वाली इस प्रार्थना सभा के लिए बाकायदा प्रशासन से लिखित अनुमति भी ली. इस कार्यक्रम में लोगों का धर्म परिवर्तन किए जाने की आशंका से स्थानीय लोगों ने पुलिस थाने जाकर शिकायत की. 


लोगों का कहना था कि इलाके में मिशनरी कार्य से जुड़े लोग सक्रिय हैं जो लोगों को लालच देकर धर्म के प्रति गुमराह कर रहे हैं. मूर्ति पूजा नहीं करने और देवी-देवताओं को पानी में फेंकने को कहकर अपमानित कर रहे हैं. लोगों के विरोध पर पुलिस ने कार्यक्रम की अनुमति रद्द कर दी. इसके बाद आयोजन नहीं हो सका. कार्यक्रम का आयोजक सवाई माधोपुर जिले के उदगांव स्थित अम्बेडकर कॉलोनी का रहने वाला धनपाल बैरवा उर्फ धर्मपाल था.


बारां में भी सामने आया था मामला
कुछ दिन पहले अक्टूबर महीने में भी इस तरह का मामला सामने आया था. राजस्थान के बारां में 250 दलित परिवारों ने हिंदू धर्म का त्याग कर बौद्ध धर्म अपना लिया था. धर्म परिवर्तन के लिए उन्होंने हिंदू देव प्रतिमाओं और चित्रों को नदी में प्रवाहित कर दिया था. प्रदेश के अन्य जिलों में भी इस तरह धर्मांतरण का खेल होने के आरोप लग रहे हैं. जयपुर में धर्म परिवर्तन का मामला उजागर होने के बाद जांच के लिए केंद्रीय टीम ने वाटिका और सांगानेर सदर थाने पहुंचकर पुलिस से जानकारी ली.


बीजेपी ने सरकार को घेरा
वहीं राजस्थान में बढ़ रहे धर्मांतरण के मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रदेश सरकार को घेरने लगी है. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) ने कहा, "राजस्थान कितना असुरक्षित इसका नमूना धर्मांतरण है. यहां लव जिहाद और लैंड जिहाद की घटनाएं होती रही हैं. धर्मान्तरण बीच में रुका था लेकिन फिर से हो रहा है, यह दुर्भाग्यपूर्ण है. कमजोर लोगों को टारगेट किया जा रहा है." 


पूनिया के अलावा उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने कहा, "राज्य में हिंदुओं के धर्मांतरण की घटनाओं का बार-बार सामने आना और गहलोत सरकार का ऐसे गंभीर मुद्दे पर मूकदर्शक बने रहना इस बात का प्रमाण है कि कांग्रेस तुष्टिकरण की नीति पर चलकर धर्मांतरण को शह देने में लगी हुई है. राज्य सरकार जबरन धर्मांतरण करवाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें."


ये भी पढ़ें


Rajasthan Politics: राजस्थान कांग्रेस में संगठनात्मक नियुक्तियों का हो रहा इंतजार, पीसीसी अध्यक्ष ने कहा- जल्द चुने जाएंगे पदाधिकारी