Bundi News: राजस्थान के बूंदी में उत्तर भारत का पहला और सबसे बड़ा उत्कर्ष पंचकर्म चिकित्सा केंद्र स्थापित करने की तैयारी है. इसके लिए 52 करोड़ के प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजे गए है. उम्मीद है कि जल्द ही इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाएगी. प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद केरल की तर्ज पर पंचकर्म चिकित्सा केंद्र में मरीजों को विश्व स्तरीय आवासीय सुविधा के साथ पंचकर्म चिकित्सा की सुविधा मिल सकेगी. वर्तमान में बूंदी के एक छोटे से पुराने भवन में मरीजों का पंचकर्म  किया जा रहा है.


पिछले 18 महीनों में 11 राज्यों के 27 हजार से ज्यादा रोगी ने पंचकर्म प्रणाली से अपना इलाज कराया है, जो कि राज्य के 25% मरीजों का हिस्सा है. यानी प्रदेश के इतने रोगी को यह इलाज मिल रहा है. बूंदी की तत्कालीन कलेक्टर रेणु जयपाल ने पंचकर्म चिकित्सा इकाई की प्रभावी एवं उपयोगी सेवा को देखते हुए जून 2022 में भारत सरकार के आयुष मंत्रालय की  सेंट्रल सेक्टर स्कीम के अंतर्गत  विश्वस्तरीय पंचकर्म एक्सीलेंस सेंटर स्थापित करने के लिए 52 करोड़ के प्रस्ताव तैयार कर निदेशालय के माध्यम से केंद्र सरकार को भिजवाए. जल्द ही प्रस्ताव को मंजूरी मिलेगी


पंचकर्म के लिए अनुभवी स्टाफ की तैनाती


बूंदी जिला आयुर्वेदिक अस्पताल के पीएमएमओ डॉ सुनील कुशवाहा ने बताया कि राजस्थान के कुछ ही दिनों में पंचकर्म इकाई से इलाज होता है , जिसमें बूंदी जिला भी शामिल है. यहां आने वाले 90 फीसदी से ज्यादा मरीजों को मुफ्त पंचकर्म इलाज दिया जाता है, जिनमें से 10% ऐसे लोग हैं जो अस्पताल को आर्थिक रूप से डोनेशन  देते हैं, जिसकी राशि संसाधनों पर खर्च की जाती है. आयुर्वेद अस्पताल में पंचकर्म प्रबंधन के लिए आरोग्य समिति बनी हुई है. 


इन रोगों में मिल रहा उपचार


डॉ सुनील कुशवाहा ने बताया कि जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में प्रतिदिन 60 से 70 लोगों का पंचकर्म के लिए इलाज किया जा रहा है. पंचकर्म में, हम स्पोंडिलोसिस, कटिस्नायुशूल, वैरिकाज़ वैन, पार्किंसन, माइग्रेन, लकवा आदि जैसी जटिल और दर्दनाक बीमारियों का इलाज करते हैं.  पंचकर्म चिकित्सा इकाई में 150 पंचकर्म विरेचन, नस्य, बस्ति, रक्तमोक्षण, सर्वांग व एकांग अभ्यंग स्वेदन, पीपीएस, शिरोधारा, जानुधारा, कटिबस्ति, ग्रीवाबस्ति, शामिल हैं.  पंचकर्म कराने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, जिसके कारण करीब चार माह की वेटिंग चल रही है.


93 जमीन का हो चुका चयन


राजस्थान में उत्तर भारत का पहला और सबसे बड़ा पंचकर्म केंद्र बूंदी जिले के सिलोर गांव में बनेगा.  यहां 13 बीघा जमीन का चयन कर सरकार को आवंटन का प्रस्ताव दिया गया है. पीएमओ सुनील कुशवाहा ने कहा कि इस जमीन पर बेहतरीन पंचकर्म चिकित्सा केंद्र बनाया जाएगा. लोकसभा अध्यक्ष को भी पत्र लिखा गया है. यह उत्तर भारत का पहला और सबसे बड़ा पंचकर्म चिकित्सा केंद्र होगा. इस केंद्र में मरीजों को भर्ती किया जाएगा, इस कैंपस में आयुर्वेदिक दवाएं बनाई जाएंगी और यहां कहीं तरीके की सुविधा मौजूद रहेगी. बूंदी जिले के लिए यह परियोजना इतनी महत्वपूर्ण है कि यहां देश-विदेश से हजारों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं और इलाज के लिए पंचकर्म इकाई पहुंचते हैं.


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