Jaipur News: राजधानी जयपुर के गांधी नगर में स्थित विधायक इंद्रा मीणा के आवास के सामने पिछले एक महीने से इंटर डिस्कॉम सयुंक्त संघर्ष समिति राजस्थान के सदस्य धरने पर हैं. उनकी मांग है कि इंटर डिस्कॉम ट्रांसफर नीति बनाई जाए, जिससे उन्हें राहत मिल सके. इसमें कुल लगभग 18 हजार से अधिक कमर्चारी हैं, जो ट्रांसफर नीति के न होने से अभी परेशानी का सामना कर रहे हैं. 


वहीं कांग्रेस विधायक इंद्रा मीणा का कहना है कि सीएम तक इनकी बात पहुंचाने की कोशिश कर रही हूं. इनके लिए ऐसी नीति बने कि जो कोई परेशानी न खड़ी करें. दरअसल, इंटर डिस्कॉम के कमर्चारी इंद्रा मीणा के घर के बाहर ही धरने पर बैठे हैं. इंटर डिस्कॉम सयुंक्त संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष रामकेश मीणा का कहना है कि इस मामले पर हर तरफ से सकारात्मक परिणाम है. ऊर्जा मंत्री ने भी हामी भर दी है लेकिन फिर भी इसपर काम नहीं हो रहा है. मगर, उम्मीद है कि जल्द ही इसपर नीति बन सकती है.  


ये हैं मांगें 
रामकेश मीणा का कहना है कि 19 जुलाई 2000 में तत्कालीन सरकार ने राजस्थान राज्य विद्युत बोर्ड को तोड़कर अलग-अलग कम्पनियां बना दी थीं. जिसमें वितरण की तीन कम्पनियां जयपुर डिस्कॉम व अजमेर डिस्कॉम एवं जोधपुर डिस्कॉम बना दिए. जबकि तीनों डिस्कॉम्स में कार्मिकों के कार्य व वेतनमान समान प्रवृत्ति के हैं. इसलिए समान प्रवृत्ति के कार्य होने से यदि इंटर डिस्कॉम्स तबादले होते हैं. तो विद्युत निगमों को फायदा भी होगा. इससे कोई वित्तीय भार भी नहीं आएगा. 


एक डिस्कॉम से दूसरे डिस्कॉम में स्थानान्तरण नहीं होने से हजारों बिजली कार्मिक पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं. बिजली कार्मिक मानसिक तनाव में निगम सेवाऐं देने को भी मजबूर व बेबस हैं. जिससे आए दिन विद्युत दुर्घटनाएं होती रहती हैं. 


नहीं मिला जवाब 
वहीं जयपुर डिस्कॉम के सीएमडी भास्कर ए सावंत को कई बार फोन किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका है. इस मामले को लेकर सीएमडी से कोई जवाब अब तक नहीं मिला है.


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