Rajasthan News: कोटा शहर का केन्द्रीय कारागार अपनी विभिन्न योजाओं और इनोवेशन के लिए देश में जाना जाता है, यहां अब एक और पहल की जा रही है. केन्द्रीय कारागृह की जमीन पर पेट्रोल पम्प (Petrol Pump ) का निर्माण कराया जा रहा है. आशाएं जेल सोसायटी (Ashaye Jail Society) अब एक पेट्रोल पंप चलाने जा रही है. इसका संचालन जेल में सजा काट रहे बंदियों की ओर से किया जाएगा. इस पेट्रोल पंप का संचालन इसी साल से शुरू किया जाना प्रस्तावित है.


अंटाघर चौराहे के नजदीक जेल परिसर में पेट्रोल पंप का निर्माण काफी तेज गति से चल रहा है और साल के अंत तक इसका संचालन शुरू हो सकता है. जेल प्रशासन ने भी पेट्रोल पम्प को संचालित करने के लिए पूरी योजना बना ली है.


अनुपयोगी जगह का हुआ सदुपयोग
जेल प्रशासन के पास मुख्य मार्ग पर ही बेशकीमती जगह है, जिसका उपयोग नहीं हो रहा था, यह जगह व्यर्थ ही पड़ी थी. इस जगह के करीब से ही मुख्य मार्ग निकल रहा है जहां से प्रतिदिन हजारों की संख्या में वाहन निकलते हैं, ऐसे में पेट्रोल पम्प को संचालित किया जाना बेहद आसान होगा. जेल अधीक्षक पीएस सिद्धू का कहना है कि इस साल यह पेट्रोल पंप पूरी तरह बनकर तैयार हो जाएगा जिसके बाद इसका संचालन भी शुरू कर दिया जाएगा.


 पेट्रोल पम्प से होने वाली आय से सुधरेगी बंदियों की स्थिति
कोटा सेंट्रल जेल परिसर के मेन रोड पर पेट्रोल पंप डालने का करार इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन से किया गया है. करार के तहत जेल विभाग ही इस पेट्रोल पंप का संचालन करेगा.  इंडियन ऑयल कॉपोर्रेशन लिमिटेड ने इसके लिए करीब डेढ़ करोड़ रुपए का वर्क आर्डर जारी किया था. इसके बाद कार्य शुरू हो गया था और यह कार्य काफी तेज गति से चल रहा है. इसमें टैंक, बिल्डिंग, विद्युत लाइन, सड़क, केनोपी सहित कई कार्य होने हैं. इसके अलावा यहां पर तीन मशीनें स्थापित की जाएंगी. इनके जरिए डीजल और पेट्रोल की बिक्री होगी. पेट्रोल-डीजल की बिक्री से मिलने वाला कमीशन और इस जगह का किराया भी इंडियन ऑयल कॉपोर्रेशन लिमिटेड जेल विभाग को देगा. इससे होने वाली लाखों रुपए की आमदनी से बंदियों के हित के कार्य किए जाएंगे.


पेट्रोल पंप का संचालन कोटा खुली जेल के बंद करेंगे
जेल प्रशासन ने बताया कि पेट्रोल पंप का संचालन कोटा खुली जेल के बंदी ही करेंगे. उनको इसके लिए इंडियन ऑयल कॉपोर्रेशन लिमिटेड ट्रेनिंग देगा. बंदी पूरी तरह से ट्रेनिंग लेने के बाद पारंगत हो जाएंगे, उन्हें ही पेट्रोल पंप पर कार्य करवाया जाएगा. सुपरिटेंडेंट सिद्धू का कहना है कि खुली जेल में 80 बंदी हैं, जिनमें दो महिलाएं भी हैं. ऐसे में पेट्रोल पंप पर 8 से 10 लोगों का स्टाफ रखा जाएगा, इनका चयन उन्हीं 80 में से किया जाएगा. पेट्रोल पंप के हिसाब किताब के अलावा कई तकनीकी कार्य भी होते हैं, यह सब जेल स्टाफ करेंगे.


 कैदियों के जीवन स्तर में होगा सुधार
कोटा जेल में महिला बंदियों की संख्या कम है, ऐसे में संभवत पेट्रोल पंप पर स्टाफ पुरुष बंदी ही रहेंगे. कैदियों के सुधारात्मक प्रयास में यह भी एक बड़ा कदम है. जब कैदियों की सजा पूरी हो जाएगी तो यहां पर ट्रेनिंग लेने वाले कैदी अपने इलाके के किसी भी पेट्रोल पंप पर काम कर सकेंगे जिससे वे अपराध का रास्ता छोड़कर एक सामान्य और सुलझे हुए व्यक्ति का जीवन जी सकेंगे. इस पेट्रोल पम्प पर कार्य करने वाले बंदियों की जो आय होगी उससे उनका व उनके परिवार का जीवन स्तर भी सुरखित होगा और स्थिति में भी सुधार होगा.


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