JLF 2023: 19-23 जनवरी तक होगा जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन, दुनियाभर के 250 से अधिक वक्ता होंगे शामिल
Jaipur News: जयपुर में होने वाले 16वें जयपुर साहित्य उत्सव में कई सम्मानों जैसे नोबेल, बुकर, इंटरनेशनल बुकर, पुलित्जर, साहित्य अकादमी, बैली गिफोर्ड से सम्मानित हस्तियां भी शामिल होंगी.
JLF News: विश्व साहित्य में महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराने वाले जयपुर साहित्य महोत्सव (Jaipur Literature Festival) के सोलहवें संस्करण का आयोजन 19-23 जनवरी को गुलाबी नगरी जयपुर में होने जा रहा है. साहित्य के इस कुम्भ में भाषाओं की विविधता के साथ 20 भारतीय भाषाओं और 14 अंतरराष्ट्रीय भाषाओं को जगह दी जाएगी. इस संबंध में यहां आयोजित एक कार्यक्रम में महोत्सव के आयोजकों ने बताया कि इस बार जयपुर साहित्य महोत्सव दुनिया भर के 250 से ज्यादा वक्ताओं की मेजबानी करेगा. इनमें विभिन्न प्रतिष्ठित सम्मानों जैसे नोबेल, बुकर, इंटरनेशनल बुकर, पुलित्जर, साहित्य अकादमी, बैली गिफोर्ड, पेन अमेरिका लिटरेरी अवार्ड्स, डीएससी प्राइज फॉर साउथ एशियन लिटरेचर से सम्मानित हस्तियां भी शामिल होंगी.
इन विषयों पर होंगी चर्चा
इस अवसर पर, लेखिका, प्रकाशक और जयपुर साहित्य महोत्सव की सह निदेशक नमिता गोखले ने कहा, इंटरनेशनल बुकर प्राइज से सम्मानित गीतांजलि और उनकी अंग्रेजी अनुवादक डेजी रॉकवेल, बुकर विजेता श्रीलंकाई लेखक शेहान करुणातिलक, नोबेल विजेता अब्दुलरजाक गुरनाह और दूसरे बहुत से अंतरराष्ट्रीय और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखक इस उत्सव में शामिल होंगे. साहित्य महोत्सव का कार्यक्रम विविध विषयों को समेटे हुए है, जैसे समय की तात्कालिकता, सक्षम महिलाएं, क्राइम फिक्शन, संस्मरण, अनुवाद, काव्य, अर्थव्यवस्था, तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, भारत के 75 साल, भू-राजनीति, विजुअल आर्ट्स, फोटोग्राफी, स्वास्थ्य और मेडिसीन इत्यादि.
नोबेल पुरस्कार विजेता होंगे शामिल
आज घोषित सूची के अनुसार नोबेल पुरस्कार विजेता लेखक अब्दुलरजाक गुरनाह से ब्रिटिश पब्लिशिंग की एलेक्सेंड्रा प्रिंगल संवाद करेंगी. ‘द एसेंशियल अब्दुलरजाक गुरनाह’ नामक सत्र में गुरनाह की बेमिसाल किताबों पर गहन चर्चा होगी. गुरनाह की हालिया प्रकाशित किताब आफ्टरलाइव में पूर्वी अफ्रीका में जर्मन औपनिवेशक ताकतों और उसके बाद वहां नागरिकों के जीवन को उकेरा गया है. पश्चिम एशिया के अतीत की कहानी बयां करते एक सत्र में पत्रकार और लेखक माइकल वतिकिओतिस धर्म और अपनी पहचान के द्वंद्व में फंसे अपने परिवार के इतिहास को साझा करेंगे. इस सत्र में इतिहासकार और महोत्सव के सह निदेशक विलियम डेलरिम्पल से बातचीत में माइकल श्रोताओं को पश्चिम एशिया के अनजाने पहलुओं के बारे में बताएंगे.
इन लेखकों से होगी बात
बुकर पुरस्कार विजेता बेर्नार्दिन एवारिस्तो का संस्मरण, ‘मेनिफेस्टो: ऑन नेवर गिविंग अप’, उनके जीवन का एक प्रेरक दस्तावेज है कि कैसे उन्होंने दशकों तक मुख्यधारा के खिलाफ बगावत करके अपने लेखन को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया. महोत्सव में एवारिस्तो पत्रकार और लेखिका नंदिनी नायर के साथ बातचीत में अपने लेखन और जीवन पर चर्चा करेंगी. एक अन्य सत्र के संचालन में नायर बुकर पुरस्कार विजेता लेखक शेहान करुणातिलक के साथ बातचीत में ‘सेवन मून्स ऑफ़ माली अल्मेडा’ पर चर्चा करेंगी. इस संबंध में यहां जारी एक नोटिफिकेशन के अनुसार पुलित्ज़र पुरस्कार विजेता इतिहासकार कैरोलिन एल्किन्स सत्र चर्चा में श्रोताओं को अपनी किताब ‘लीगेसी ऑफ़ वाइलेंस: ए हिस्ट्री ऑफ़ द ब्रिटिश एम्पायर’ के माध्यम से दुनिया पर साम्राज्य के प्रभाव की चर्चा करेंगी.
भारत-चीन संबंध पर होगी चर्चा
बिबेक देबरॉय जाने-माने विद्वान और अनुवादक हैं, जिन्होंने पुराणों के कई जटिल संस्करणों का अंग्रेजी में अनुवाद किया है. वह एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री हैं और भारत के प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति का हिस्सा भी हैं. एक सत्र के दौरान देबरॉय से साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखिका और महोत्सव की सह-निदेशक नमिता गोखले पुराणों की जटिल व्याख्या पर बात करेंगी. चीन के साथ भारत के सम्बन्धों में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया है. 1962 के युद्ध से लेकर 90 के दशक में किये गए शांति प्रयास और वर्तमान में हो रही उथल-पुथल तक कुछ भी कभी निश्चित नहीं रहा. एक सत्र में पत्रकार और लेखक मनोज जोशी इस हालात पर प्रकाश डालेंगे. पूर्व विदेश सचिव विजय गोखले और चीन, म्यांमार, इंडोनेशिया और नेपाल में भारत के पूर्व राजदूत रहे श्याम सरन के साथ बातचीत में जोशी इस समस्या की गहनता से पड़ताल करेंगे.
ये नोबेलिस्ट लेंगे हिस्सा
इस साल भाषा की विविधता का उत्सव मनाते हुए कई सत्र आयोजित किये जायेंगे. एक सत्र रेत समाधि: टूम्ब ऑफ़ सेंड में इंटरनेशनल बुकर पुरस्कार विजेता गीतांजलि और उनकी अनुवादक डेजी रॉकवेल से चर्चा पर केंद्रित होगा. साहित्य के महाकुम्भ का एक सत्र सुर कोकिला लता मंगेशकर की सुरीले सफ़र को समर्पित होगा. साहित्य महोत्सव में कुछ महान उपन्यासकार भी हिस्सा लेंगे, जिनमें शामिल हैं मार्लोन जेम्स और रुथ ओज़ेकी, नॉन-फिक्शन लेखकों में एना केय, जोनाथन फ्रीडलैंड, रेबेका रैग साईकस, डेविड वेनग्रो, डेविड रुबेनहेइमेर, ल्यूक हार्डिंग, एलेक्स रेंटन, एंटनी बीवर, ऑर्लैंडो फिगेस, साइमन सेबग-मोंटेफिओरे, मिखाइल जीगर, सथ्नम संघेरा, मर्लिन शेल्ड्रेक, तानसेन सेन, विन्सेंट ब्राउन, क्रिस मंजप्रा, मिरांडा सेमुर, डेविड ओलुसोगा, एडमंड डे वाल, कैटी हिकमन, एंथोनी साटिन, अनीता आनंद और अन्य शामिल हैं.