Rajasthan News: जयपुर नगर निगम मेयर सौम्या गुर्जर बर्खास्त, इस वजह से लिया गया फैसला
सौम्या गुर्जर पर ग्रेटर नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र देव के साथ मारपीट करने का गंभीर आरोप था. वहीं अब उन्हें राज्य सरकार ने बर्खास्त कर दिया है.
Mayor Somya Gurjar Suspended: राजस्थान की राजधानी जयपुर में ग्रेटर नगर निगम महापौर सौम्या गुर्जर (Somya Gurjar) को राज्य सरकार ने बर्खास्त कर दिया है. मंगलवार को स्वायत्त शासन विभाग ने आदेश जारी कर दिया है. निदेशक एवं स्वायत्त शासन सचिव ह्रदेश कुमार शर्मा की ओर से जारी आदेश में बर्खास्तगी के साथ ही गुर्जर को आगामी छह साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया है.
मेयर पर कमिश्नर से मारपीट का आरोप
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई और आदेशों की कॉपी मिलने के बाद से ही सूबे के सियासी गलियारों में इस बात के कयास लगाए जा रहे थे कि सौम्या को पार्षद और मेयर की सदस्यता से सरकार हटा सकती है. गुर्जर पर ग्रेटर नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र देव के साथ मारपीट करने का गंभीर आरोप था. कोर्ट ने 23 सितंबर को जारी आदेश में तत्कालीन कमिश्नर यज्ञमित्र के साथ अभद्रता और मारपीट से जुड़े मामले में महापौर सौम्या को दो दिन की राहत दी थी.
कोर्ट ने राज्य सरकार को कहा था कि वह न्याय की रिपोर्ट के आधार पर दो दिन बाद सौम्या गुर्जर के खिलाफ कार्रवाई करने को स्वतंत्र है. जस्टिस अजय और जस्टिस संजय किशन कौल की खंडपीठ ने यह आदेश सौम्या गुर्जर की विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई के बाद दिए थे. गत 25 सितंबर को कोर्ट आदेश की अवधि समाप्त हो गई. इसके बाद मंगलवार को सरकार ने एक्शन लेते हुए सौम्या गुर्जर को पार्षद और महापौर पद से बर्खास्त कर दिया है. सौम्या आरएसएस नेता (RSS Leader) राजाराम गुर्जर की पत्नी हैं.
न्यायिक जांच में पाया था दोषी
सौम्या गुर्जर बीजेपी प्रत्याशी के रूप में वार्ड संख्या 87 से वार्ड पार्षद चुनी गईं थी. इसके बाद जयपुर ग्रेटर नगर निगम महापौर की कुर्सी संभाली. गुर्जर पर लगे आरोप के बाद सरकार ने प्राथमिक जांच में दोषी पाए जाने पर राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 की धारा 39 के तहत न्यायिक जांच करवाई. न्यायिक जांच अधिकारी ने 10 अगस्त 2022 को जांच प्रकरण संख्या 244/2021 में पारित आदेश में सौम्या गुर्जर को म्युनिसिपल एक्ट की धारा 39 के तहत दोषी पाया. इसके बाद उन्हें महापौर और वार्ड सदस्य पद से बर्खास्त कर आगामी 6 साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया.
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