Eid-e-Milad-un-nabi 2022: पैगंबर मोहम्मद के यौमे पैदाइश पर मनाया गया जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी, जुलूस पर हुई फूलों की बारिश
जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी के मौके पर सूफी इंटरनेशनल संस्था ने जुलूस निकाला. यह जुलूस अंदरकोट से शुरू हुआ. इसमें घोड़े-बग्गी शामिल थे. इसमें आकर्षक झांकियों के साथ मिलाद में कलाम पेश किए गए.
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Eid-e-Milad-un-Nabi 2022: हजरत पैगंबर मोहम्मद की यौमे पैदाइश का त्योहार ईद मिलादुन्नबी रविवार को अकीदत के साथ मनाया जा रहा है. जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी के मुबारक मौके पर आज अजमेर में विश्व विख्यात ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह सहित विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम हुए. अंदरकोट इलाके से पारंपरिक जुलूस निकाला गया. ईद मिलादुन्नबी के मौके पर गरीब नवाज की दरगाह को सतरंगी रोशनी से आकर्षक रूप में सजाया है. दरगाह की छटा देखते ही बन रही है. दरगाह के भीतर फूलों से सजावट की है. मुस्लिम कौम के लोग शनिवार रात से विशेष इबादत में मशगूल हैं. बारावफात के मौके पर दरगाह में मुए-मुबारक की जियारत करवाई गई. जियारत के लिए दरगाह में अकीदतमंदों की लंबी कतार लगी दिखाई दी.
तोपों की सलामी, बजेंगे शादियाने
बारावफात के मौके पर बड़े पीर की पहाड़ी से तोपों की सलामी दी गई. दरगाह के शाहजहांनी गेट पर शादियाने बजाए. मुस्लिम घरों में विशेष पकवान बनाए गए. मुस्लिम लोगों ने नए कपड़े पहनकर घर को भी सजाया है. बारावफात पर दौराई, गगवाना के अलावा ग्राम हटूंडी में भी जुलूस निकाला गया. यह जुलूस शाह चौक तबीजी रोड से शुरू होकर हजरत गफूर अली शाह बाबा की दरगाह तक पहुंचा. यहां लंगर का आयोजन किया गया.
जुलूस पर फूल बरसाकर हुआ इस्तकबाल
जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी के मौके पर सूफी इंटरनेशनल संस्था ने जुलूस निकाला. यह जुलूस अंदरकोट से शुरू हुआ. इसमें घोड़े-बग्गी शामिल थे. इसमें आकर्षक झांकियों के साथ मिलाद में कलाम पेश किए गए. जुलूस दरगाह बाजार, मोती कटला, धानमंडी, देहली गेट, गंज होता हुआ ऋषि घाटी वैकल्पिक मार्ग स्थित कुतुबशाह के चिल्ले तक पहुंचा. मार्ग में जगह-जगह विभिन्न धर्मों के लोग फूल बरसाकर स्वागत किया गया.
'पैगम्बर मोहम्मद ने दिया प्रेम का संदेश'
हजरत पैगंबर मोहम्मद की यौमे पैदाइश के मुबारक मौके पर अजमेर दरगाह शरीफ में धार्मिक कार्यक्रम हुए. अंजुमन सैयद जादगान की मौजूदगी में नात शरीफ के नजराने गूंजे. आहता-ए-नूर में सैयद कामरान चिश्ती ने तिलावत-ए-कलाम पेश किया. उन्होंने कहा कि पैगंबर मोहम्मद ने अपनी शिक्षाओं में परस्पर प्रेम, गरीबों की मदद को प्रमुखता दी है. उनकी सीख को जीवन में अपनाना चाहिए. सैयद हबीब अहमद अल हुसैनी की तकरीर हुई. सैयद शाहीन मोईनी ने शिजराख्वानी और सैयद साकिब मोईनी सलातो सलाम पेश किया. सैयद कामरान चिश्ती ने फातेहाख्वानी की. अंजुमन सदर गुलाम किबरिया ने दुआ पढ़ी.
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