Jodhpur Crime News: आतंकी गतिविधियों में बंद 6 कैदियों ने धर्म परिवर्तन न करने पर एक कैदी को पीटा, जेल प्रशासन पर कार्रवाई न करने का आरोप
Jodhpur में आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने के आरोप में बंद छह कैदियों ने धर्म परिवर्तन न करने पर एक कैदी के साथ मारपीट की है. वहीं घायल कैदी ने जेल पर प्रशासन पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है.
Rajasthan News: राजस्थान के Jodhpur सेंट्रल जेल में रविवार को छह बंदियों ने एक बंदी पर हमला कर दिया. वहीं इस हमले में घायल बंदी सुभाष बिश्नोई ने आरोप लगाया कि जिन बंदियों ने उसपर हमला किया है, वो कैदी जेल में हिंदू धर्म विरोधी किताबे बांट कर उसपर धर्म परिवर्तन करने का दबाव डाल रहे थे. उन कैदियों की बात नहीं मानने पर उन्होंने उसपर हमला किया. हमला करने वाले कैदी आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने के जुर्म में जोधपुर जेल में बंद हैं. इसकी शिकायत जेल प्रशासन को भी की गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. वहीं जेल प्रशासन ने बंदी के आरोपों को गलत और बेबुनियाद बताया है.
जोधपुर सेंट्रल जेल अधीक्षक राजपाल सिंह ने बताया कि पानी की बाल्टी ले जाने के दौरान कैदियों में विवाद हुआ था, फिर एक बंदी के साथ मारपीट हुई. झगड़े की शिकायत करने पर बंदी को जालौर जेल से यहां शिफ्ट किया गया था. धर्म परिवर्तन का दबाव डालने व धर्म विरोधी किताबें पढ़ने का आरोप गलत है, फिर भी इस मामले की जांच करवाई जाएगी. दरअसल, जालौर निवासी सुभाष विश्नोई जोधपुर सेंट्रल जेल के सुरक्षा वार्ड नंबर 15 में बंद है. वहीं यहां पर आतंकी गतिविधियों में लिप्त रहने के आरोप में छह आतंकी भी उसके साथ एक ही बैरक में बंद हैं. वहीं जेल के बैरक 15 में रविवार दोपहर 6 कैदियों ने सुभाष विश्नोई पर हमला बोल दिया और उसके साथ मारपीट की.
जालौर जेल से किया गया शिफ्ट
इस मारपीट में सुभाष के नाक, कंधे और होंठों पर चोटें आई हैं. दर्द ज्यादा होने की शिकायत पर सुभाष विश्नोई की जेल डिस्पेंसरी में जांच कराई गई. यहां शाम को उसको सुरक्षा के बीच महात्मा गांधी अस्पताल ले जाया गया. जांच में सामान्य पाए जाने पर उसे फिर से जेल भेज दिया गया.जोधपुर की महात्मा गांधी अस्पताल में कैदी सुभाष बिश्नोई ने मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया कि डेढ़ महीने पहले जालौर जेल से मुझे यहां सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था. यहां उसे सुरक्षा वार्ड 15 में रखा गया, जहां पर वकार खान व अशरफ व अन्य चार बंदी भी बंद हैं.
जेल प्रशासन पर कार्रवाई न करने का आरोप
इन 6 बंदियों को 10 साल पहले एटीएस ने आतंकी गतिविधियों में शामिल होने पर गिरफ्तार किया था. यह 6 कैदी जेल में बंदियों को हिन्दू धर्म विरोधी किताबें पढ़ने के लिए देते हैं. वहीं ऐसा ही उन्होंने मेरे साथ भी किया फिर मुझ पर दबाव डालकर धर्म परिवर्तन करवाना चाहते थे. मैंने इसकी शिकायत जेल प्रशासन को भी की थी, लेकिन जेल प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की. जेल में बंद आतंकी गतिविधियों में शामिल 6 बंदी नए बंदियों को अपना शिकार बनाते हैं. पहले उन्हें हिंदू धर्म विरोधी किताबे पढ़ने के लिए देते हैं फिर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाते हैं.