Jodhpur News: हत्यारा महीनों इंटरनेट देख करता रहा मर्डर की प्लानिंग, फिर पूरे परिवार को ऐसे उतारा मौत के घाट
जोधपुर में नशे के आदी सनकी युवक ने अपने बूढ़े मां बाप और दो मासूम बच्चों की हत्या करके खुद भी आत्महत्या कर ली. हत्यारा परिवार को मारने के लिए महीनों से गूगल और क्राइम पेट्रोल देखकर प्लान बना रहा था.
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Rajasthan News: क्या ऐसा हो सकता है कि कोई व्यक्ति खुद आत्महत्या करने व परिवार की हत्या करने के लिए कुछ महीनों तक प्लानिंग कर रहा हो. गूगल इंटरनेट के जरिए सर्च कर रहा हो कि परिवार को मारने व खुद आत्महत्या करने के बाद स्वर्ग मिलेगा या वह खुद नर्क में जाएगा. दरअसल, जोधपुर के लोहावट में रहने वाले शंकर लाल ने तीन नवंबर को मां-बाप और दो बेटों का कत्ल करने के बाद खुदकुशी कर ली. शंकर लाल सितंबर से ही प्लानिंग कर रहा था कि परिवार को कैसे मारना है? पुलिस ने जब शंकर लाल के मोबाइल की हिस्ट्री खंगाली तो चौंक गई. मर्डर और उसके तरीकों के अलावा भी कई ऐसी चीजें सर्च थीं जिन्हें देखकर पुलिस हैरान हो गई.
गूगल पर सर्च की ये चीजें
जोधपुर जिले की लोहावट विधानसभा क्षेत्र के पीलवा गांव में नशे के आदि सनकी युवक ने अपने बूढ़े मां बाप और दो मासूम बच्चों की हत्या करके खुद भी आत्महत्या कर ली. इस घटना के बाद पुलिस के सामने कई सारे सवाल खड़े थे. आखिर में उन सवालों का जवाब मिला शंकरलाल के मोबाइल से जिसमें पता चला कि शंकरलाल अपने घरवालों को मारने के लिए पिछले कई महीनों से प्लानिंग कर रहा था. पुलिस ने उसके मोबाइल की हिस्ट्री खगाली तो जांच में सामने आया की उसने गूगल सर्च कर जानना चाहा कि परिवार को मारने पर स्वर्ग मिलेगा या खुद नर्क में जायेगा. कौनसा जहर खाने से कितने समय मे इंसान मर जाता है.
पत्नी को न मारने से क्या होगा?
पत्नी को नहीं मारने से क्या मिलता हैं. इसलिए वो पत्नी की जान नहीं लेना चाहता था इसलिए उसने गूगल पर सर्च किया अटल पेंसन योजना से उसे सरकार कितनी पेंसन देगी. जोधपुर ग्रामीण पुलिस एडिशनल एसपी कैलाश दान रत्नू ने बताया कि जांच में सामने आया है कि दो दिन से शंकर परिवार को नींद की गोलियां दे रहा था. शंकर की भाभी ने पुलिस को बताया कि बुधवार रात को आरोपी ने परिवार के सभी लोगों को 22 नींद की गोलियां दी थी. शंकर ने परिवार को बोला कि सभी खेत में दिनभर काम करते हैं, इसलिए थक जाते हैं. ये गोलियां खाने से नींद अच्छी आएगी. गुरुवार को भी सभी को शिकंजी में तीन-तीन नींद की गोलियां डालकर दी.
एडिशनल एसपी पारस सोनी ने बताया शंकर लाल को अफीम का नशा ज्यादा होने लगा था. उसे सनक चढ़ गई कि परिवार को ठिकाने लगाना है. पत्नी से अनबन भी होने लगी, क्योंकि वह बार-बार टोकती थी. उसने फैसला सुना दिया था कि वह अलग रहना चाहती है. अफीम के नशे की इसी सनक से वह सितंबर से ही मर्डर की प्लानिंग करने लगा. उसने क्राइम पेट्रोल और सावधान इंडिया की क्राइम सीरीज देखना शुरू किया. सितंबर-अक्टूबर में गूगल पर मर्डर की प्लानिंग, नींद की गोलियां और जहर को लेकर भी कई बार सर्च किया.
इस तरीके से की हत्या
शंकर लाल (38) ने 3 नवंबर की शाम पहले अपने पिता सोनाराम (65) पर कुल्हाड़ी से हमला कर घायल कर दिया और भाग गया. सोनाराम को घायल देख कुछ लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया जहां देर रात इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. शंकर ने घर में बाकी परिजन के खाने में नींद की गोलियां मिला दीं. सभी बेहोश हो गए तो सबसे पहले अपनी मां चंपा (55) को घर में बने पानी की टंकी में फेंक दिया था. उसका बेटा लक्ष्मण (14) भी वहीं सो रहा था, उसे भी टंकी में फेंक दिया. शंकर का छोटा बेटा दिनेश (8) अपनी मां के पास सो रहा था, सुबह करीब 5 बजे उसे भी टंकी में फेंक दिया. इसके बाद खुद मामा के यहां बनी टंकी में कूद गया.
गूगल पर 3 चीजें सबसे ज्यादा बार सर्च की गई
स्वर्ग मिलेगा या नर्क
शंकर ने ठान ली थी कि उसे अपने परिवार को ठिकाने लगाना है. वह डर भी रहा था कि हत्या के बाद होगा क्या? इसके जवाब के लिए उसने गूगल पर सर्च करना शुरू किया कि परिवार को मारने पर क्या उन्हें स्वर्ग मिलेगा. क्या वो खुद नर्क में जाएगा या स्वर्ग में जाएगा? पत्नी को मारना चाहिए या नहीं, पत्नी को नहीं मारने के क्या फायदे हैं.
नींद की गोलियां और जहर
परिवार को मारने का शंकर ने सोच लिया था, कि उन्हें पहले नींद की गोलियां देनी है और फिर जहर भी देना है. सर्च किया कि सबसे अच्छी नींद की गोली कौन सी है. इसके साथ जानकारी जुटाई की सबसे अच्छा जहर कौन सा है? इन नींद की गोलियों और जहर के असर को लेकर कई जानकारी भी उसने इंटरनेट से जुटाई थी कि यह कैसे और कब तक असरदार होगा.
क्राइम पेट्रोल व सीआईडी देखकर जुटाई जानकारी
मोबाइल पर क्राइम पेट्रोल व सीआईडी के कई एपिसोड कई बार देखे गए. साथ ही उसने खुद को बचाने के लिए कई तरीके देखे लेकिन हर बार मुलजिम पकड़ा जाता है. शंकर ने यह तय किया कि परिवार के लोगों को मारकर खुद आत्महत्या कर लेनी चाहिए. आरोपी 14 सितंबर से ही फेसबुक के साथ इंटरनेट और अन्य प्लेटफॉर्म पर क्राइम सीरीज देखनी शुरू कर दी थी. शुरुआती दिनों में क्राइम पेट्रोल के तीन से चार सीरीज देखी. इसके बाद उसने प्लान बनाना शुरू किया. इसके बाद वह कई सीरीज देखने लग गया. जैसे-जैसे सीरीज में उसे मर्डर करने के आइडिया मिलते गए वह अपना प्लान आगे बढ़ाता रहता. परिवार को नींद की गोली देकर मारना और हौद में जहर मिलाना भी इसी प्लान का हिस्सा था.
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