Jodhpur News: कॉमन सिविल कोड पर VHP ने कहा- मुस्लिम महिलाओं के लिए फायदेमंद है कानून
Jodhpur: विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र नाथ सिंह ने कहा कि कॉमन सिविल कोड से मुस्लिम महिलाओं को फायदा होगा. इसमें हिंदुओं के लिए कुछ भी फायदा नहीं है.
Rajasthan News: राजस्थान के जोधपुर में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर रविंद्र नाथ सिंह ने नूपुर शर्मा और उदयपुर में हुई घटना को लेकर अपना पक्ष रखा है. उन्होंने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत करते हुए कहा कि एक टीवी डिबेट में नूपुर शर्मा के बयान को लेकर जो हंगामा हो रहा है इस बयान को सुनियोजित तरीके से फैलाया गया है. इस बयान को घंटों में मुस्लिम देशों तक फैलाया गया है. जो बिल्कुल गलत है. दरअसल, डॉक्टर रविंद्र नाथ सिंह दो दिन जोधपुर (Jodhpur) दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने विश्व हिंदू परिषद के प्रांत सदस्यों के साथ बैठक में भाग लिया. जहां डॉ रविंद्र नाथ सिंह ने देश में चल रहे नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) और उदयपुर (Udaipur) की घटना को लेकर अपना पक्ष रखा. इसके साथ ही कॉमन सिविल कोड को लेकर उन्होंने कहा कि हिंदुओं के लिए इसमें कुछ भी नहीं है. इसमें सिर्फ फायदा मुस्लिम बहनों को है.
'नूपुर शर्मा ने जो भी कहा है सही कहा'
डॉ रविंद्र नाथ सिंह ने कहा कि देश संविधान से चलता है कानून अपना काम कर रहा है. किसी का गला काटने से इंसाफ नहीं मिलेगा. इस तरह की घटना कुछ साल पहले फ्रांस में हुई थी. जहां पर कार्टून बनाने पर कई लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. नूपुर शर्मा को जो धमकियां मिल रही हैं. नूपुर शर्मा के साथ कुछ फेलियर होता है तो हम यह समझते हैं कि सरकार का फेलियर है. नूपुर शर्मा ने जो भी कहा वो सही कहा है. विश्व हिंदू परिषद शांति से संविधान के अनुसार ही विरोध दर्ज करा रहा है और जिन लोगों ने कन्हैया लाल की हत्या की है उनको भी कठोर से कठोर सजा मिले ऐसी सजा जिसे लोगों के सामने उदाहरण पेश किया जा सके. उन्होंने कहा कि फांसी की सजा मिले किसी भी तरह की सजा मिले वो संविधान के अनुसार ही मिलनी चाहिए.
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कॉमन सिविल कोड को लेकर कही यह बात?
कॉमन सिविल कोड को लेकर विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि इस में हिंदुओं का कुछ भी फायदा नहीं है. अगर यह लागू होता है तो सिर्फ और सिर्फ मुस्लिम बहनों के लिए फायदेमंद है. इसको लागू करने के दौरान मुस्लिम पुरुष इसका जमकर विरोध करेंगे और शाहीन बाग भी बनाएंगे. देश में शादी की उम्र 21 साल हो गई है इसका फायदा मुस्लिम बहनों को मिलेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोई भी महिला यह नहीं चाहती कि उसके घर में उसकी सौतन आए यह कानून लागू होगा. तलाक के बाद हलाला के कानून से भी बचाव होगा. इसके लागू होने के बाद मुस्लिम पुरुषों का वर्चस्व थोड़ा कमजोर होगा जिससे भी महिलाओं को फायदा होगा.