एक्सप्लोरर

Alwar News: कम वजन के बच्चों के लिए जीवनदान साबित हो रही 'कंगारू मदर केयर', जानें कैसे काम करती है यह थेरेपी

Alwar News: अलवर के गीतानन्द शिशु चिकित्सालय में कंगारू मदर केयर थेरेपी से अनेकों ऐसे नवजात बच्चों को जीवनदान मिला है जिनका वजन जन्म के समय एक किलो से भी कम था.

Kangaroo Mother Care Therapy in Alwar: राजस्थान (Rajasthan) के अलवर (Alwar) के गीतानन्द शिशु राजकीय चिकित्सालय (Geetanand Shishu Government Hospital) में एक किलो से कम वजन वाले करीब आधा दर्जन से ज्यादा बच्चों को जीवनदान मिला है. इसमे कंगारू मदर केयर थेरेपी (Kangaroo Mother Care Therapy) कारगार साबित हो रही है. अस्पताल की एफबीएनसी में पांच माह में सात सौ बच्चे भर्ती हुए, जिनमें 150 बच्चे कम वजनी थे. इनमें निजी नर्सिंग होम और सरकारी अस्पतालों के बच्चे शामिल थे. इनमें करीब 9 बच्चे तो ऐसे थे जिनका वजन 1 किलो से भी कम था. ऐसे बच्चों को रेडिएंट वार्मर में चिकित्सकीय देखभाल के साथ कंगारू मदर केयर थेरेपी से लाभ मिला और इनकी जान बच सकी. स्वस्थ बच्चे का वजन अमूमन ढाई किलो से ज्यादा होता है लेकिन यहां डेढ़ सौ बच्चे ऐसे थे जिनका वजन कम था.

अलवर जिले के सबसे बड़े चिकित्सालय गीतानन्द शिशु अस्पताल में रोजाना ऐसे कई बच्चे भर्ती होते हैं जिनका वजन सामान्य से कम होता है. इनकी चिकित्सकीय देखभाल रेडियंट वार्मर से तो की ही जाती है लेकिन अब कंगारू मदर केयर थेरेपी भी इन बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सोमदत्त बताते हैं, ''दरअसल, कंगारू मदर केयर थेरेपी से अच्छे परिणाम सामने आए हैं. जिस तरह कंगारू मदर अपने बच्चे को अपने साथ पेट से चिपका कर रखती है, उसकी केयर करती है, कंगारू के बच्चे का वजन 50 ग्राम से बढ़कर करीब 50 किलोग्राम तक हो जाता है, इस कंगारू मदर केयरिंग पद्दति को वहीं से अपनाया गया है.''

जिनकी बचने की उम्मीद कम ही थी, ऐसे बच्चे बचाए गए

अलवर के एफबीएनसी वार्ड में पिछले पांच माह में करीब सात सौ बच्चे भर्ती हुए, जिसमें निजी और सरकारी अस्पतालों में जन्मे बच्चे शामिल थे. इनमें 150 बच्चे ऐसे थे जो कम वजनी थे. वहीं, सात बच्चे ऐसे भी थे जिनका वजन एक किलो से भी कम था. अब इनकी जान बचाने में कंगारू मदर केयर थेरेपी ही ज्यादा कारगर साबित हुई. कई बच्चे ऐसे थे जिनकी वेंटिलेटर पर बचने की उम्मीद कम थी लेकिन कंगारू मदर केयर से बच्चों को जीवनदान मिला.

ऐसे काम करती है कंगारू मदर केयर थेरेपी

दरअसल, कंगारू मदर केयर में डॉक्टर की सलाह पर ऐसे कम वजनी बच्चों को मदर चेस्ट की गर्मी देकर समय अनुसार स्तनपान करवाना और कंगारू मदर केयर से तापमान बनाए रखना सहित विभिन्न तरह से देखभाल की जाती है. इससे बच्चे की सांस लेने में तकलीफ भी दूर होती है, एनवायरमेंट इन्फेक्शन से भी बचाया जाता है.

यह भी पढ़ें- Rajasthan: NMC की पहल का दिखेगा असर, देशभर के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में होगा ये बड़ा बदलाव

अस्पताल के नर्सरी विभाग में भर्ती ऐसे बच्चे जिनका वजन एक किलोग्राम से कम था, उन्हें नया जीवनदान मिला है. पिछले पांच माह में भर्ती बच्चों में 150 बच्चे कम वजनी थे. वे या तो प्रिमेच्योर थे या कुपोषण का शिकार थे. इनमें भी कुछ बच्चे ऐसे थे जो एक किलोग्राम से कम वजन के थे, जिनको बचाना किसी चुनोती से कम नही था.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि कंगारू मदर केयर वो तकनीक है जिससे नवजात बच्चे को मां सीने से चिपकाकर रखती है, जिससे बच्चे में गर्माहट ट्रांसफर होती है और उसका तापमान स्थिर रहता है. वहीं, मां के दिल की धड़कन से बच्चा सुरक्षित महसूस करता है और उसे नींद भी अच्छी आती है. इस दौरान बच्चे को ठंड लगने और बुखार की आशंका भी कम हो जाती है और उसका धीरे-धीरे वजन भी बढ़ने लगता है.

यह भी पढ़ें- Jodhpur News: धर्मांतरण के विरोध में हिंदू संगठनों ने किया सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ, सीएम गहलोत से की ये मांग

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Border Gavaskar Trophy: ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

Maharahstra assembly elections 2024: महाराष्ट्र की 47 सीटों के नए Exit Poll में महायुति को मिल रही 38+ सीटें | Elections 2024Arvind Kejriwal News: Delhi चुनाव से पहले शराब घोटाले में केजरीवाल को बड़ा झटका! | ABP NewsBJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?बाबा बागेश्वर की 'सनातन हिन्दू एकता' पदयात्रा शूरू | ABP News

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
जब होटल में वरुण धवन ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए ऐसा क्या कर बैठे थे अनुष्का शर्मा के पति
जब होटल में वरुण ने किया था विराट कोहली को इग्नोर, जानिए दिलचस्प किस्सा
Border Gavaskar Trophy: ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
ट्रेनिंग में ही दो टी20 मैच खेल जाते हैं विराट कोहली, बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी से पहले बड़ा खुलासा
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन  के लक्षण और बचाव का तरीका
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन के लक्षण और बचाव का तरीका
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
Embed widget