Udaipur News: राजस्थान(Rajasthan) में लंपी वायरस(lumpy virus) का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है. इसकी चपेट में रोजाना हजारों गायें आ रही हैं और बड़ी संख्या में मौतें भी हो रही हैं. लंपी का डर इस कदर बढ़ गया है कि लोगों में अफवाहें फैलने लगी हैं. गाय के पास जाकर उसका दूध पीने से हम स्वयं बीमार हो जायेंगे.


इस बात को लेकर कुछ लोगों के मन में ये दोनों सवाल उठ रहे हैं कि क्या गाय से दूरी बनाए रखना जरूरी है या फिर दूध पीने से कोई बीमारी तो नहीं होगी. इन दोनों बातों के सवाल को लेकर एबीपी ने पशु चिकित्सा अधिकारी से बात की.


क्या लंपी का इंसानों को खतरा?


उदयपुर के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ ओम साहू ने कहा कि  इंसानों को इस वायरस से डरने की बिल्कुल जरूरत नहीं है. अभी तक दुनिया में एक भी मामला ऐसा नहीं है कि लंपी इंसानों को इफेक्ट कर रहा हो.  इंसान तो दूर यह भैंस को छोड़कर किसी अन्य पशु में भी नहीं जा रहा है. भैंस के संक्रमित होने का अनुपात भी केवल 2 प्रतिशत है. उन्होंने आगे बताया कि जिस तरह से बकरी में  गोट पॉक्स और भेड़ में शिपपोक्स आया, उसी तरह इस मेली का यह लंपी गायों में आया है.एक ही फैमेली का होने के कारण गोटपॉक्स में लगने वाली वैक्सीन लंपी में कारगर साबित हो रही है. पशु चिकित्सकों की टीम भी लंपी का उपचार कर रही है. उनके करीब तक पहुंचती है लेकिन किसी प्रकार का वायरस का अटैक उनके ऊपर नहीं हुआ है.


 क्या गाय का दूध पीने से बीमार हो जाएंगे?


डॉ. ओम साहू ने बताया कि जब लम्पी का इलाज करते समय या उनके पास खड़े होने पर इंसानों में लंपी का कोई खतरा नहीं होता है, तो यह दूध में भी नहीं हो सकता है. वैसे भी कच्चा दूध नहीं पीना चाहिए क्योंकि इसमें बहुत सारे बैक्टीरिया होते हैं. दूध को 100 डिग्री के तापमान पर उबालने के बाद ही पीना चाहिए. इसलिए आप दूध को उबालकर पीए और अपने दिमाग से लंपी होने के खतरे को दूर करें. क्योंकि दूध से किसी को लंपी से संबंधित खतरा नहीं होगा. दूध से किसी को लंपी का खतरा हुआ हो ऐसा पूरी दुनिया में कोई केस नहीं आया है. 


क्या दूध की कमी आएगी


लोगों के मन में यह सवाल भी उठ रहा है कि जिस तरह से लंपी बढ़ रहा है और गाय दूध देना बंद कर देती है, क्या इससे दूध की कमी हो जाएगी. इस पर उदयपुर सरस डेयरी के अधिकारियों से बात करते हुए बताया कि बारिश के मौसम में दूध की आवक बढ़ जाती है क्योंकि जानवर ज्यादा दूध देते हैं. हर साल जब दूध ज्यादा होता है तो उसका पाउडर बनाकर स्टोर में रख दिया जाता है. ऐसे में दूध की आवक पर असर तो पड़ा है, लेकिन जितनी मात्रा में उपभोग हो रहा है उतना आ रहा है. हालांकि आने वाले समय को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता.


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