Kota News: कोटा में 2022 में सड़क हादसों में गई 111 लोगों की जान, इन कारणों से होते हैं ज्यादा एक्सीडेंट
Kota: कोटा शहर में साल 2022 में 444 सड़क हादसे हुए जिसमें से 111 लोगों की मौत हुई. जबकी वर्ष 2021 में 365 सड़क दुर्घटनाएं हुई जिसमें 367 लोग घायल हुए और 75 लोगों की जान चली गई.
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Rajasthan News: देश में सड़क हादसों में अक्सर समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाने, समय पर उपचार नहीं मिल पाने और लापरवाही से वाहन चलाने से मौके पर ही मौत होने से सैकड़ों लोग अकाल मौत का ग्रास बन जाते हैं. ऐसे में इन जानों को जहां बचाया जा सकता है वहीं हादसों को कम भी किया जा सकता है. अगर हम बात करें साल 2022 की तो बीते साल कोटा में 111 लोगों की जान सड़क हादसों में गई है. वहीं वाहनों की संख्या में जहां इजाफा हुआ है वहीं लापरवाही से वाहन चलाने, शराब पीकर वाहन चालने से भी दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है. सड़क दुर्घटनाओं में जहां लोगों की जान चली गई, तो कई लोगों की जिंदगियां भी खराब हो गई और वह अपंग हो गए हैं.
कोटा शहर के कुन्हाड़ी क्षेत्र में हुए सड़क हादसों में सर्वाधिक लोगों की जान गई है. इस थाना क्षेत्र में 68 दुर्घटनाएं हुई जिसमें 65 लोग घायल हुए और 30 लोगों की जान चली गई. वहीं उद्योग नगर थाना क्षेत्र में 18 सड़क हादसे हुए जिसमें 33 लोग घायल हुए और 19 लोग मौत की आगोश में समा गए. कोटा शहर में साल 2022 में 444 सड़क हादसे हुए जिसमें से 111 लोगों की मौत हुई. वर्ष 2020 की बात करें तो 353 दुर्घटनाओं में 362 लोग घायल हुए और 60 लोगों की मौत हुई, जबकी वर्ष 2021 में 365 सड़क दुर्घटनाएं हुई जिसमें 367 लोग घायल हुए और 75 लोगों की जान चली गई. इन तीन वर्षों में सर्वाधिक हादसे वर्ष 2022 में हुए हैं जो चिंता का विषय है.
दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण लापरवाही
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सड़क दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण लापरवाही रहती है. दुपहिया वाहनों की बात करें तो लोग हेलमेट नहीं लगाते, जो लोग हेलमेट लगाते हैं वह भी केवल खानापूर्ति के तौर पर बना आईएसआई मार्क या लोकल हेलमेट लगाते हैं जिस कारण सिर में चोट लगने से उनकी मौत हो जाती है. कई केस में तो व्यक्ति के पूरे शरीर में चोट नहीं होती, लेकिन बिना हेलमेट के उसके सिर में मामूली चोट से भी जान चली गई है.
सड़क पर मवेशी भी दुर्घटना का बडा कारण
इसके साथ ही लोग शराब पीकर वाहन चलाते है, शॉर्टकट के चक्कर में रॉग साइड आते हैं जो दुर्घटना का कारण बनता है. इसके साथ ही चार पहिया वाहन चालक भी सीट बेल्ट का प्रयोग कम करते हैं. भारी वाहन चालक भी शराब पीकर वाहन चालाते हैं. शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र हाईवे हो या शहर के अंदर के मुख्य मार्ग आवारा मवेशी हर जगह दिखाई देते हैं, जो दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं. ऐसे में एक बड़ा कारण ये भी सामने आया कि वाहन चालक मवेशियों से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं और कई मामलों में मौत भी हो जाती है.
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