Rajasthan News: राजस्थान के सबसे बड़े घोटालों में एक कोटा संभाग के अपेक्षा ग्रुप घोटाले में अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. एसआईटी की टीम ने एक महिला डायरेक्टर को भी गिरफ्तार किया है, जिसके खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ था. इस महिला ने एक व्यक्ति को 18 लाख की चपत लगा दी थी. पुलिस ने इस शातिर महिला को बारां से गिरफ्तार किया है. इस महिला ने अपने पति के साथ मिलकर फर्जी कपंनी बनाकर लोगों से ठगी की है.
एसआईटी की टीम को जब इसके पुख्ता सुबूत मिले तो महिला को भी धर दबोचा गया. इन्होंने फर्जी कंपनी के मार्फत करोड़ों की ठगी की है. दरअसल, आरोपी महिला राधिका नामदेव अपेक्षा ग्रुप के सीएमडी मुरली मनोहर नाम देव की पत्नी है और अपेक्षा राइज ब्यूटी कंपनी में सक्रिय डायरेक्टर थी. यह अपेक्षा ग्रुप घोटाले मामले में लंबे समय से फरार चल रही थी, लेकिन पुलिस ने अब इसे गिरफ्तार कर लिया.
कई सरकारी कर्मचारी और महिला महाठगी में शामिल
डीएसपी व एसआईटी इंचार्ज अमर सिंह ने बताया कि संजीव साहनी ने गुमानपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने 18 लाख की धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया था. इस मामले में सक्रिय डायरेक्टर राधिका नामदेव फरार थी, जांच टीम ने जब इस मामले में राधिका को दोषी माना तो उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए गए लेकिन वह फरार हो गई. पुलिस ने राधिका को बारां से गिरफ्तार कर लिया. इस महाठगी मामले में पहले ही कई सरकारी कर्मचारी, अधिकारी, व्यवयायी और महिलाएं सलाखों के पीछे पहुंच चुकें हैं. पुलिस ने अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.
रकम डबल करने का देते थे लालच
अपेक्षा ग्रुप निवेशकों को रकम को जल्द ही डबल करने का लालच देते थे, उसके बाद कई लोग इनके शिकंजे में आ गए और रकम को डबल करने के चक्कर में फंसते चले गए. अपेक्षा ग्रुप का निदेशक मुरली मनोहर नामदेव बारां का निवासी है. इसने रकम दुगुनी करने का झांसा देकर कंपनी में कई लोगों को डायरेक्टर बनाया और अपनी पत्नी को भी डायरेक्टर बना दिया. इन्होंने एक कंपनी से ही कई दर्जन से अधिक दूसरी फर्जी कंपनियां खड़ी कर दी और लोगों से पैसे ऐंठते रहे.
लगभग तीन हजार निवेशकों के 200 करोड़ हड़पे
कोटा संभाग और आसपास के क्षेत्र में करीब तीन हजार निवेशकों से ये लोग 200 करोड़ रुपये से अधिक की राशी हड़प चुके हैं. खास बात ये है कि कोटा के गुमानपुरा थाने में ही 38 मुकदमें दर्ज किए गए हैं. जबकि शहर के अलग-अलग थाने में 100 से अधिक मामले अब तक दर्ज हो चुके हैं. ये सिलसिला अभी तक भी जारी है. पुलिस की जांच में जो भी दोषी पाए जा रहे हैं वह धीरे-धीरे सलाखों के पीछे जा रहे हैं.