Kota News: कोटा में पैंथर दिखने के बाद दहशत माहौल, पिंजरा लगाने के बाद भी नहीं मिली सफलता
कोटा शहर में पैंथर घूम रहा है. पैंथर के घूमने की सूचना मिलने के बाद इलाके में दहशत का माहौल है. सोमवार को सुबह करीब 4 बजे वह एक बार फिर कैमरे में कैद हुआ है.
Rajasthan News: राजस्थान के कोटा शहर में एक पैंथर खुलेआम घूम रहा है. जो अभी तक वन विभाग के शिकंजे से दूर है. इस पैंथर को एक ही जगह पर घूमते हुए तीन दिन हो गए हैं. पैंथर के डर से लोगों ने घर से बाहर निकलना बंद कर दिया है. रात को दरवाजे बंद रहते हैं और स्कूल को भी दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया है. पैंथर को पकड़ने के लिए पिंजरे और कैमरे लगाए गए हैं, लेकिन सब योजनाएं फेल हो गई है. पैंथर कैमरे में पानी पीता हुआ दिख रहा है, लेकिन वन विभाग के पकड़ में नहीं आया है. सोमवार को सुबह करीब 4 बजे वह एक बार फिर कैमरे में कैद हुआ है, बताया जा रहा है कि ये मादा पैंथर है और संभावना ये भी जताई जा रही है कि इसके साथ इसके बच्चे भी हो सकते हैं. जिस कारण ये इस जगह को नहीं छोड़ रही है.
7 कैमरों में से 5 में कैद हुई तस्वीर
शहर के कुन्हाड़ी क्षेत्र स्थित नांता महल में घुसे पैंथर को वन विभाग की टीम तीसरे दिन भी नहीं पकड़ पाई. वन विभाग की टीम ने पैंथर को तलाश करने की काफी कोशिश की, लेकिन तलाश नहीं कर पाने पर नांता महल परिसर और आसपास के क्षेत्र में निगरानी के लिए 7 कैमरे लगाए गए हैं, जिसमें से 5 कैमरों में पैंथर का अलग-अलग मूवमेंट कैद हो गया है, लेकिन अब भी पैंथर वन विभाग की टीम की पकड़ से बाहर है. सहायक वन संरक्षक अनुराग भटनागर ने बताया कि नांता महल में तीन-चार दिनों से पैंथर का मूवमेंट बना हुआ है. लोगों ने इसे गली में देखा था और पैंथर ने कुत्ते का शिकार भी किया था.
पैंथर के महल में होने के संकेत दो दिन पहले ही मिल गए थे. इसके बाद परिसर में पैंथर की निगरानी रखने के लिए 4 कैमरे लगाए गए. इन कैमरों में पैंथर की हल्की सी झलक ही मिल पाई थी. इसके बाद तीन कैमरे और लगा दिए गए थे. इन कैमरों में पैंथर कैद हो गया. कैमरों को चेक किया तो पैंथर की अलग-अलग गतिविधियां नजर आई. वह पानी के पास भी नजर आया तो कभी महल की दीवार के आसपास घूमता हुआ दिखाई दिया. वन विभाग की टीम ने रविवार को भी निगरानी रखी, लेकिन उसे पकड़ नहीं पाई.
स्कूल किया गया शिफ्ट
पैंथर के मादा होने की संभावना जताई जा रही है. उन्होंने बताया कि अगर मादा पैंथर हुआ तो उसे पकड़ने के लिए अब अलग तरीका अपनाया जा सकता है. विभाग की कोशिश रहेगी कि खुद पैंथर जगह छोड़ दे और किसी दूसरे जगह चला जाए. पैंथर के तीन दिन में भी नहीं पकड़े जाने से नांता और कुन्हाड़ी क्षेत्र में दशहत का माहौल बना हुआ है. नांता महल परिसर को रेस्क्यू किए जाने तक वन विभाग ने अपने कब्जे में ले रखा है. ऐसे में यहां चलने वाले दो स्कूलों को बंद करना पड़ा और बच्चों की कक्षाएं सामुदायिक भवन व माली समाज के भवन में लगानी पड़ रही है.
पिंजरे में मुर्गी, मछली और मांस को देखकर चला गया
पैंथर पिंजरे के पास आया था. उसमें बंधे प्री-बेस मुर्गा, मछली और डेढ किलो मांस को देखकर चला गया. पिंजरे के पास उसके पगमार्क मिले हैं. वन्यजीवों में पैंथर सबसे चतुर होता है, उसके पकडे जाने की आशंका से वह पिंजरे में नहीं गया. वह एक बार शिकार कर लेता है तो चार से पांच किलो मांस खाता है और तीन दिन तक उसे फिर से शिकार की आवश्यकता नहीं होती.
ट्रेंकुलाइज करना बेहद मुश्किल
वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि पैंथर को ट्रेंकुलाइज करना बेहद मुश्किल है, क्योंकि जिस जगह पैंथर्स है वह क्षेत्र करीब 30 बीघा में है, यहां महल बना हुआ है जो खंडहर है, झांडिया और पेड़ है. महल की दीवारें, बुखारियां छीपने की कई जगह हैं. ऐसे में ट्रेंकुलाइज किया जाना मुश्किल है. पीछे पूरा क्षेत्र जंगल का है, ऐसे में वह या तो अपने आप चला जाए या पिंजरे में आए यही ऑप्शन है.