कोटा: शहर के पशु चिकित्सालय में अब पशुओं की गंभीर बीमारियों का उपचार भी किया जा रहा है.कोटा संभाग और आसपास के सैकडों गांव और शहर के पशु यहां पहुंचे रहे हैं.मकर सक्रांति पर यहां दर्जनों पक्षियों के टांके लगाकर उन्हें सकुशल छोडा गया. वहीं अब एक डॉग का बेहद जटिल ऑपरेशन किया है,जिसमें डॉग (कुत्ते)के पेट में पथरी हो गई थी. उसे ऑपरेशन कर निकाला गया.ये पथरी भी कोई छोटी-मोटी नहीं थी,इस पटरी को देखते ही चिकित्सकों ने आश्चर्य जाहिर किया.लेकिन जर्मन शेफर्ड इस डॉग की जान तो बचानी ही थी,तो अंतिम विकल्प के रूप में इसका ऑपरेशन किया गया. कुत्ते के पेट से भारी भरकम पथरी को निकाला गया.
25 टुकडों में 100 ग्राम थी पथरी
पशु चिकित्सक गणेश नारायण दधीच ने बताया कि पशु चिकित्सकों की टीम ने श्वान के यूरिनरी ब्लैडर से दो दर्जन स्टोन (पथरी) निकाली हैं. पथरी का वजन करीब 100 ग्राम के आसपास है.कोटा के पशु चिकित्सक मान रहे हैं कि किसी पशु में इतनी अधिक पथरी राजस्थान में नहीं निकली होगी.हमने ऑपरेशन तो बहुत किए और पथरी भी निकाली लेकिन इतनी अधिक संख्या में पत्थर के टुकडों का निकलना आश्चर्य की बात है.
छोड दिया था डॉग ने खाना पीना
डॉक्टर दधीच ने बताया कि न्यू कॉलोनी में रहने वाले गगनदीप सिंह कपूर के पास जर्मन शेफर्ड नस्ल का एक डॉग है.ये डॉग कुछ खा-पी नहीं रहा था.उसे यूरिन भी नहीं आ रहा था.ऐसे में जब इसका एक्सरे किया तो सामने आया कि इसके पथरी है.चिकित्सकों ने उसके यूरिनरी ब्लैडर की जांच की.इसमें यूरिन के साथ रक्तस्राव भी हो रहा था.इसके ऑपरेशन का निर्णय किया गया और पूरी टीम ने एनेस्थिसियां देकर इसकी पथरी को निकाला.ये केस काफी जटिल था,ऐसे में कोटा पशु चिकित्सालय के लिए बडी सफलता है.
सर्दी में होती है पथरी
डॉ दधीच ने बताया कि सर्दी के मौसम में पथरी के अधिक केस आते हैं क्योंकि सर्दी के कारण डॉग पानी नहीं पीते हैं, जिससे यूरिन कम आता है.इस ऑपरेशन में डॉ. ममता गुप्ता ने असिस्ट किया.ऑपरेशन में करीब 1 घंटे का समय लगा.डॉग के पेट में कट लगाकर यूरिनरी ब्लैडर से दो दर्जन से ज्यादा स्टोन निकाले गए.चिकित्सकों का मानना है कि इस तरह का ऑपरेशन आमतौर पर कई जगह होते हैं,लेकिन इतनी मात्रा में स्टोन पहली बार किसी डॉग में देखन को मिले हैं.
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