Rajasthan News: कोटा संभाग के झालावाड़ जिले (Jhalawad) के एक सरपंच को रिश्वत लेना भारी पड़ गया, जो कि अब जेल की सलाखों के पीछे जाएगा. एसीबी (ACB) की टीम ने सरपंच के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे रंगे हाथों रिश्वत राशि के साथ गिरफ्तार किया है. एएसपी भवानी शंकर मीणा ने बताया आरोपी के खिलाफ ट्रैप कार्रवाई का आयोजन किया जिसके बाद उसे धर दबोचा.


एसीबी ने मंगलवार को बकानी पंचायत समिति क्षेत्र की देव नगर (Dev Nagar) पंचायत सरपंच को विकास कार्यों के कमीशन के रूप में 3 लाख की रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों धर दबोचा.


रिश्वत लेने परिवादी के घर पहुंच गया सरपंच 
जानकारी के मुताबिक आरोपी सरपंच रामबाबू मेघवाल रिश्वत लेने परिवादी के घर पहुंच गया, तभी वहां एसीबी की टीम पहुंच गई और सरपंच को पकड़ लिया. झालावाड़ एसीबी ने बताया कि मामले के परिवादी और पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी बालमुकुंद गुर्जर ने झालावाड़ एसीबी को शिकायत दी थी जिसमें उन्होंने बताया था कि पिछले सप्ताह पंचायत में मनरेगा के तहत कई विकास कार्य करवाए गए थे. इन विकास कार्यो में 46 लाख रुपए की राशी खर्च की गई थी. जिसके बिल पास करने की एवज में सरपंच राम बाबू 7 प्रतिशत कमीशन मांग रहा था.


ग्राम विकास अधिकारी का ट्रांसफर करवाना चाहता था सरपंच
रिश्वत राशि मांगने पर परिवादी ने शिकायत झालावाड़ एससीबी को दी. उसके बाद एसीबी की टीम ने मामले का सत्यापन कराया और आरोपी को रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथों पकड़ने की योजना बनाई. आरोपी जैसे ही परिवादी के घर आया और रिश्वत के तीन लाख लिए उसे एसीबी की टीम ने धर दबोचा. एएसपी भवानी शंकर मीणा ने बताया कि परिवादी बालमुकंद गुर्जर बकानी रहता है. वो बकानी के रिछवा कस्बे में ग्राम विकास अधिकारी के पद पर तैनात है.


7 प्रतिशत के हिसाब से 3 लाख की रिश्वत!
उन्होंने जानकारी दी कि परिवादी के पास वर्तमान समय में देवनगर पंचायत का भी चार्ज है. ऐसे में पंचायत में पिछले दिनों रामेश्वर ट्रेडर फर्म ने पंचायत में 46 लाख के काम किए थे. इन कामों में कमीशन की एवज में सरपंच ने 7 प्रतिशत के हिसाब से 3 लाख की रिश्वत मांगी थी. रिश्वत की राशि न देने पर सरपंच ने पूर्व में ग्राम विकास अधिकारी का ट्रांसफर करवाने के प्रयास किए. एसीबी की टीम मामले में जांच कर रही है. 


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