Kota News: बीते दिनों हुई एक घटना को लेकर कोटा पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न लगने लगे हैं. कोटा पुलिस पर आरोप है कि उसने एक व्यक्ति को इसलिए लॉकअप में डाल दिया क्योंकि वह भाई को थाने में बंद करने का कारण पूछने आया था. उसने पुलिस से जब पूछा कि भाई को बेवजह क्यों थाने में बंद रखा है तो पुलिस ने उसकी पिटाई कर दी. इस घटना में घायल युवक का अस्पताल में इलाज चल रहा है.
कोटा नगर विकास न्यास (UIT) में ऑपरेटर का काम करने वाले किशन भार्गव ने बताया कि अनंतपुरा पुलिस ने उसके साथ बहुत ही अमानवीय व्यवहार किया है. पहले तो उसे जमकर पीटा और बाद में लॉकअप में बंद कर दिया. जब युवक को लॉकअप में उल्टियां हुई और वह अचेत हो गया तो पुलिस जीप में डालकर मेडिकल कॉलेज के स्ट्रेचर पर डालकर चले गए. गनीमत रही की उसे समय पर उपचार मिल गया नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था.
चचेरे भाई का हाल जानने पहुंचा था थाने
किशन ने बताया कि उसके चचेरे भाई मोहित को घरेलू विवाद में थाने में बंद कर दिया गया था. किशन जब थाने पहुंचा तो देखा कि मोहित लॉकअप में बंद है. उसके खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं है. वहां मौजूद पुलिसकर्मी राधेश्याम से जब उसने पूछा कि मोहित को थाने में क्यों बंद रखा है. उसे छोड़ दीजिए. इस पर पुलिसकर्मी ने कहा कि उसे कल छोड़ेंगे. किशन ने कहा कि यह तो गलत है. आरोप है कि पुलिसकर्मी इस पर भड़क गए और किशन की पिटाई कर दी. उसने वीडियो बनाने का प्रयास किया तो दूसरे पुलिसकर्मी भी आए और उसे जमकर पीटा और लॉकअप में डाल दिया और उसका मोबाइल भी छीन लिया.
मारपीट से हालत हुई खराब तो अस्पताल में कराया भर्ती
किशन ने बताया कि लॉकअप में मारपीट किए जाने से उसकी तबियत बिगड़ गई और उसे अस्पताल ले जाया गया. उसके रिश्तेदार. गोविंद ने परिवारवालों और जनप्रतिनिधियों को बताया तो मामले ने तूल पकड़ लिया. किशन के सिर, पेट और पसलियों पर चोट है. इस मामले में शहर पुलिस अधीक्षक ने जांच की बात कही है और इसकी जांच पुलिस उपाधीक्षक हर्षराज खरेड़ा को सौंपी है.
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