Kota Mudra Utsav: अभी तक आपने भारत के और केवल आधुनिक सिक्के ही देखे होंगे, लेकिन कोटा जाकर आपके पास 2600 साल पुराने और देश-विदेश के 800 सिक्के व नोट देखने का मौका है. एक दौर था जब लेन-देन के लिए कहीं कोडी तो कहीं सोने और चांदी के तार प्रचलन में थे, लेकिन धीरे-धीरे सभ्यता आगे बढ़ी तो लेनदेन के लिए सिक्कों का चलन शुरू हुआ. इन सिक्कों को बनाने के लिए सोने, चांदी, स्टील और कहीं तांबे का इस्तेमाल होने लगा. कहीं-कहीं गत्ते के सिक्कों का भी चलन था. आपको जानकर हैरानी होगी कि एक समय में प्लास्टिक के नोट भी प्रचलन में आए थे. यदि आप भी इन नोटों और सिक्कों का दीदार करना चाहते हैं तो आपको कोटा जाना होगा. देशभर के मुद्रा संग्रहकर्ता कोटा आ रहे हैं, जहां वे देश-दुनिया की तमाम मुद्राओं की प्रदर्शनी लगाएंगे.
प्रदर्शनी में दिखाई देंगे 2600 साल पुराने सिक्के
कोटा मुद्रा कोटा फ्लेटली एंड न्यूम्समेटिक सोसायटी एवं रोटरी क्लब कोटा नॉर्थ की ओर से उत्सव 2022 का आयोजन 17 व 18 दिसम्बर 2022 को किया जाएगा. सोसायटी के चेयरमैन लकेश दंडोना ने बताया कि मुद्रा उत्सव के तहत एग्जीबिशन एंड फेयर ऑफ कॉइंस, करंसी एंड कलेक्टेबल्स के तहत देश की विभिन्न रियासतों और भारत के विभिन्न कालखंड में प्रचलित मुद्राओं को यहां देखने का अवसर मिलेगा. देशभर के विभिन्न शहरों के मुद्रा संग्रहकर्ताओं द्वारा यहां प्रदर्शनी के माध्यम से इतिहास से परिचित कराया जाएगा, जिसमें 800 सिक्के रखे जाएंगे. 18 दिसम्बर को इस क्षेत्र में कार्य करने वाली प्रतिभाओं को पुरस्कार से भी नवाजा जाएगा.
राजस्थान की रियासत की मुद्रा का अनोखा संकलन रहेगा आकर्षण का केन्द्र
सोसायटी के अध्यक्ष श्रीनारायण चाणक व सचिव रामअवतार सरडा ने बताया कि प्रदर्शनी के दौरान राजस्थान की रियासत के अमूल्य सिक्के, नोट का प्रदर्शन होगा. माना जा रहा है कि यहां 2600 साल पुरानी मुद्रा भी देखने को मिलेगी. वहीं कोटा बूंदी, झालावाड़, जयपुर, जोधपुर, प्रतापगढ़, जैसलमेर, करोली, मेवाड, बीकानेर, केकडी, जयपुर, भरतपुर, सहित कई जगह के राज परिवारों द्वारा प्रचलित मुद्रा भी आकर्षण का केन्द्र होगी. राजस्थानी संस्कृति को अपने में संयोए करीब 250 से 300 साल पुराने सिक्के यहां होंगे. उन्होंने बताया कि राज घरानों की मुद्रा से युवाओं और आमजन को रूबरू कराना इस प्रदर्शनी का उद्देश्य है.
प्लास्टिक के नोट, सुरमेदानी सहित प्रतिकारात्मक सिक्के भी आएंगे नजर
लकेश ने बताया कि प्रदर्शनी कम सेल के माध्यम से कई एतिहासिक मुद्रा, कला संस्कृति से लबरेज प्रतिकारात्मक सिक्के के साथ अन्य वस्तुएं भी यहां आकर्षण का केन्द्र रहेंगी. इसमें कोटा के पवन हटीला द्वारा प्लास्टिक के नोट, सरदार मंजीत सिंह अहमदगढ़ के द्वारा महाराजा रणजीत सिंह की रियासत के सिक्के, मिंट टकसाल लगा रहे हैं. इसके साथ ही अशोक राटा केकडी द्वारा 10 रुपए से 1000 रुपए तक के प्रतिकारात्मक सिक्के जो विशेष अवसरों पर जारी किए गए हैं वह भी यहां की शोभा बढ़ाएंगे.
मलेर कोटला से शेख इफ्तकार हुसैन विशेष और आकर्षक सुरमेदानी का कलेक्शन लेकर आ रहे हैं जो लोगों को आकर्षित करेंगी. अजय अग्रवाल द्वारा ग्वालियर रियासत के सिक्के यहां लगाए जाएंगे. लुधियाना के चमकोर सिंह द्वारा यहां सिख सिक्के व आजादी के दौर के व सतलुज रियासत के सिक्के भी यहां दिखाए जाएंगे. भटिंडा मोडमंडी से तरुण सिंगला यहां आ रहे हैं जो मुगल व ब्रिटिश विलियम, किंग जार्ज तक के सिक्के यहां प्रदर्शित करेंगे. वैभव शर्मा ने कहा कि यहां मुद्राओं का 2600 साल पुराना इतिहास देखने को मिलेगा.
साइकिल के टोकन, स्टॉम्प, हस्त लिखित धार्मिक ग्रंथ भी प्रदर्शनी की शोभा बढ़ाएंगे
लकेश दंडोना ने बताया कि अहमदगढ़ के सरदार परमिंर सिंह द्वारा हस्त लिखित धार्मिक ग्रंथ यहां लगाए जाएंगे. लुधियाना के हरजीत सिंह लोटे यहां वायर पजल लगाएंगे. लुधियाना के ही जगरूप सिंह द्वारा साइकिल के टोकन (लाइसेंस) और कोटा के सौरभ लोढा द्वारा स्टॉम्प, सिक्के, डाक टिकट की प्रदर्शनी भी यहां लगाई जाएगी. इसके साथ ही शुभम लोढा द्वारा जर्नी ऑफ टेलीग्राम से भी लोगों को अवगत कराया जाएगा. इसके साथ ही यहां कोडी, एक, दो पैसा सहित देश-विदेश की कई आकर्षित करने वाली मुद्रा का संकलन एक ही जगह पर देखने को मिलेगा.
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