Kota IIIT: अगले साल तक कोटा ट्रिपल आईटी की बिल्डिंग हो सकती है तैयार, छात्रों के साथ उद्योगों को भी होगा फायदा, जानें कैसे
Rajasthan Kota IIIT: जल्दी ही कोटा की ट्रिपल आईटी का सपना साकार हो सकता है. अगले साल तक हो सकती है बिल्डिंग बनकर तैयार. जानें क्या है योजना.
Kota IIIT To Get Its Own Building Soon: कोटा (Kota) में ट्रिपल आईटी (Kota IIIT) को जल्द ही अपनी खुद की बिल्डिंग में क्लासेस चलाने का मौका मिल सकता है. ट्रिपल आईटी का भवन कोटा में बन जाने से यहां आने वाले लाखों छात्रों को फायदा मिलेगा. इस भवन का 100.37 एकड़ भूमि पर निर्माण कार्य चल रहा है और 121 करोड़ की लागत से इसका कैम्पस बनेगा. भवन में 50 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार खर्च कर रही है, 35 प्रतिशत राशि राज्य सरकार दे रही है और इसी के साथ 15 प्रतिशत राशि इंडस्ट्री भागीदार वहन कर रहे हैं. कोटा ट्रिपल आईटी वर्ष 2013 (Rajasthan Kota IIIT) में स्वीकृत हुई थी. भवन की व्यवस्था नहीं होने से जयपुर (Jaipur) के एमएनआईटी परिसर में इसका संचालन होता है. कोटा में काफी समय से मांग की जा रही थी कि ट्रिपल आईटी का भवन जल्द तैयार कर इसे स्थानीय स्तर पर संचालित किया जाए. इसके लिए 121 करोड़ का प्लान स्वीकृत हुआ और अक्टूबर 2020 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ. बाद में कोरोना के कारण काम की स्पीड कम हो गई. अब एक बार फिर ट्रिपल आईटी कोटा के भवन के निर्माण कार्य ने गति पकड़ी है.
जमीन मिल गई थी समय पर -
कोटा के रानपुर में ट्रिपल आईटी से पहले आईआईटी के लिए भूमि आवंटित की गई थी लेकिन आईआईटी जोधपुर चली गई तो वर्ष 2013 में कोटा में ट्रिपल आइटी की घोषणा हुई. फिर उस जमीन पर इसका भवन बनाया जाना प्रस्तावित हुआ. घोषणा होने के साथ बेंच लगना शुरू हो गए. कोटा में किराए के भवन में भी संस्थान को चलाने की कोशिश हुई. यहां इंस्टीट्यूट कुछ समय चला भी लेकिन सफलता नहीं मिली. साल 2019 में भवन के निर्माण कार्य ने गति पकड़ी जो अभी तक जारी है. ट्रिपल आईटी स्थापना के 9 साल बीत जाने के बाद भी निर्माण में देरी हुई. समय समय पर मोनेटरिंग होती तो शायद भवन बन चुका होता. विभागीय अधिकारियों ने बताया की भवन का निर्माण दो चरणों में हो रहा है. पहले चरण के भाग- A में शैक्षणिक भवन और कैम्पस बनाया जा रहा है. पहले चरण के भाग- B में छात्रावास और आवासीय परिसर का निर्माण हो रहा है.
800 से अधिक विद्यार्थियों के रहने की व्यवस्था -
कोटा ट्रिपल आईटी परिसर में ही छात्रों - छात्राओं के लिए अलग-अलग हॉस्टल बनाए जा रहे हैं. छात्रों के लिए जी प्लस 5 मंजिल की 3 हॉस्टल इमारतें बनाई जा रही हैं. इनमें 700 छात्र रह सकेंगे. 150 छात्राओं के लिए अलग हॉस्टल मंजिल बनाया जाएगा. यह इमारत जी प्लस 2 आकार की होगी. ट्रिपल आईटी परिसर में ही निदेशक तथा अन्य स्टाफ के रहने के लिए आवासों की व्यवस्था की गई है. स्टाफ के लिए टाइप-3 और टाइप-4 श्रेणी के 12-12 आवास बनाए जाएंगे. आईटी के भवनों को राजस्थान के कलाकृतियों अनुरूप सजाया जाएगा. इसमें आधुनिकता की झलक भी देखने को मिलेगी. सभी भवनों में सीसीटीवी, अग्निशमन यंत्र और अग्नि चेतावनी, लिफ्ट, दिव्यांग, सौर ऊर्जा, सीवरेज प्लांट और 50 एकड़ भूमि में खेल मैदान बनेगा जिसके आसपास बगीचे में 5000 पौधे लगाए जाएंगे.
आधुनिक और भूकंपरोधी होगा भवन -
कोटा ट्रिपल आईटी का शिक्षण और प्रशासनिक भवन आधुनिक होगा. तमाम प्रकार की सुविधा यहां होगी. पूरा भवन वातानुकूलित होगा. परिसर में 59 करोड़ की लागत से लेक्चर हॉल, प्रयोगशालाएं, संकाय कक्ष, प्रशासनिक भवन, मिनी ऑडिटोरियम, सेमिनार कक्ष, पुस्तकालय, कंप्यूटर कक्ष आदि बनाये जा रहे हैं. ट्रिपल आईटी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एके व्यास ने बताया कि 100 एकड़ क्षेत्र में भवनों के लिए पर्याप्त खुला स्थान छोड़ा जा रहा है. आईटी परिसर में बनी इमारतों का क्षेत्रफल करीब 35 हजार वर्गमीटर होगा. सभी भवनों को तकनीकी के आधार पर डिजाइन किया गया है जो भूकम्परोधी होंगे.
अभी जयपुर में चल रही हैं क्लास -
कोटा ट्रिपल आईटी की स्थापना के बाद कैम्पस निर्माण चलने की वजह से अस्थाई कक्षाएं मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के भवन में ही चल रही हैं. ऐसे में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान कोटा में विद्यार्थियों का चयन होने के बाद भी उन्हें शहर से बाहर रहना पड़ता है. वहीं इंस्डस्ट्री को भी इस संस्थान का लाभ नहीं मिल पा रहा है. अब उम्मीद है की कैम्पस अगले साल पूरा बन जाने के बाद यहां कक्षाएं शुरू हो जाएंगी.
अगले साल शुरू हो सकती हैं कक्षाएं -
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कोटा ट्रिपल आईटी के निर्माणाधीन भवन का दौरा किया. ओम बिरला ने अधिकारियों को पौधारोपण अभियान चलाकर ट्रिपल आईटी परिसर को ग्रीन कैम्पस के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए हैं. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बताया कि उम्मीद है कि अगले साल से कोटा के कैंपस में ही नए बैच की पढ़ाई शुरू हो. लोकसभा अध्यक्ष ने परिसर के तेजी से चल रहे निर्माण के लिए श्रमिकों की सराहना की. उन्होंने अधिकारियों से गर्मी के मौसम का ध्यान रखते हुए श्रमिकों के लिए उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए.
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