Rajasthan News: राजस्थान के कोटा जिले के सिमलिया क्षेत्र में हुए एक विवाद के बाद एक परिवार ने दूसरे पर हमला बोल दिया था, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. करीब साढ़े तीन साल कोर्ट में चले इस मामले में सभी गवाह और सबूतों के आधार पर कोर्ट ने कुछ लोगों को तो बरी कर दिया, लेकिन एक पिता पुत्र को इसमें हत्या का दोषी माना है. ऐसे में दोनों को ही सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया है. कोटा की अपर जिला जज क्रम-5 ने हत्या के मामले में निर्णय देते हुए दो आरोपियों हीरालाल व जगन्नाथ को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.


मारपीट के बाद बनाया प्लान
अपर लोक अभियोजक अख्तर खान अकेला ने बताया कि माल मोजा कराडिया थाना सिमलिया निवासी कालू लाल पुत्र जोधा बैरवा ने 29 सितम्बर 2018 को सिमलिया थाने में रिपोर्ट लिखाई थी, जिसमें उसने बताया कि मैं सूरजमल शर्मा की चबूतरी पर बैठा हुआ था उसी वक्त वहां हीरालाल बैरवा पुत्र जगन्नाथ बैरवा आया और आते ही मेरे साथ मारपीट कर अपने खेत की तरफ भाग गया. कालू लाल ने बताया कि मैं घर पर आ गया और घर से अपने लड़के सत्यनारायण, दिनेश तीनों ही हमारे खेत की तरफ जाने लगे तभी रास्ते में हीरा लाल और उसके पिता जगन्नाथ, पत्नी सुमित्रा, पुत्रियां मनीषा, धन्नी, मधु हमारे सामने आकर खड़े हो गए और हमे रोक लिया. गाली गलौज कर सुमित्रा व जगन्नाथ ने सत्यनारायण को पकड़ लिया और हीरालाल ने चाकू मार दिया, जिससे सत्यनारायण के खून निकल आया और सत्यनारायण वहीं बेहोश होकर गिर गया. मैंने और दिनेश ने बीच बचाव किया तो जगन्नाथ ने मेरे उबर भी हमला किया और मधु, सुमित्रा, मनीषा, धन्नी व हीरालाल ने दिनेश व मेरे साथ मारपीट की.


23 गवाह कोर्ट में पेश
इस घटना को वहां खड़े लोगों ने देखा. घायल सत्यनारायण को अस्पताल ले गए जहां डॉक्टर्स ने सत्यनारायण को मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू किया और  हीरालाल,जगन्नाथ के खिलाफ खोर्ट में आरोप पत्र पेश किया. अपर लोक अभियोजक अख्तर खान अकेला ने कोर्ट के सामने 23 गवाह, सबूत, हथियार और एक दर्जन से अधिक दस्तावेजी सबूत पेश किए. कोर्ट ने मामले में निर्णय देते हुए आरोपी हीरालाल व जगन्नाथ को दोषी करार दिया. दोनों पिता पुत्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. साथ ही 29,500 रुपये जुर्माना भी लगाया गया.



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