Rajsamand News: राजसमन्द में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक और आयाम स्थापित होने जा रहा है. अब तक आपने राजस्थान में मेवाड़ के शौर्य की गाथा इतिहास की पुस्तकों में पढ़ी होगी, लेकिन अब विजुअल रूप में पर्यटकों को दिखाई देगी. मेवाड़ के बहादुरी की गाथा का रंग बिरंगी 300 लाइट से कुम्भलगढ़ दुर्ग की दीवारों पर प्रजेंटेशन होगा. कुम्भलगढ़ दुर्ग आने वाले पर्यटकों को नया एडवेंचर देखने को मिलेगा. शुक्रवार रात को प्रजेंटेशन का ट्रायल हो चुका है.
कुम्भलगढ़ दुर्ग आने वाले पर्यटकों को मिलेगा नया एडवेंचर
प्रिजेंटेशन में मेवाड़ के महाराणा प्रताप की वीरता को बताया गया है. अब जल्द ही विधिवत शुरू कर दिया जाएगा. शो को अपग्रेड कर पूरे परिसर में 300 से ज्यादा लाइटें लगाई गई हैं. इससे पहले किले की लाइट बंद होने के बाद शो 7 बजे शुरू होकर करीब 45 मिनट चलता था. शो में महाराणा प्रताप का मेवाड़ के प्रति बलिदान, इतिहास की जानकारी दी जाती थी. इस बार लाइट एंड शो में यज्ञ वेदी चौक, जैन मंदिर के साथ कई प्वाइंट पर करीब 16 कलर की लाइटिंग की गई है. साथ ही साउंड के साथ प्रोजेक्टर शो भी होगा.
महाराणा प्रताप की शौर्य गाथा का 300 लाइट से प्रजेंटेशन
बीच में आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया से अनुमति नहीं मिल रही थी. अनुमति मिलने के बाद नया कांट्रेक्ट हुआ. अब कुम्भलगढ़ दुर्ग पर लंबे समय बाद एक बार फिर लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से पर्यटक महाराणा प्रताप की गाथा से रूबरू होंगे. बता दें कि कुम्भलगढ़ किले को महाराणा कुम्भा ने 13 मई 1459 में बनवाया था. किले की ऊंचाई 3568 फीट, दीवार 36 किलोमीटर लंबी और 21 फीट चौड़ी है. किले को अजयगढ़ भी कहा जाता है क्योंकि अजेय रहा है.