Udaipur News: जिस प्रकार इंसानों में कोरोना फैला था उसी तरह अब पशुओं में खासतौर पर गायों में राजस्थान में एक संक्रामक बीमारी की शिकार बन रही है. इस बीमारी का नाम है लंपी, जिसकी जद में राजस्थान में हजारों गायें आ चुकी हैं और कई गायों की तो मौत भी हो चुकी है. एक अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान में अब तक इस बीमारी से करीब 25 हजार गायें ग्रसित हो चुकी हैं.


दो हफ्ते में जोधपुर में 254 मवेशियों की मौत
इस गंभीर बीमारी की वजह से अकेले जोधपुर जिले में दो सप्ताह में 254 मवेशियों ने इस बीमारी के कारण दम तोड़ दिया है. पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि तीन महीने की अवधि में लगभग 25,000 पशुओं में यह संक्रमण फैल गया है.


खास बात ये है कि इस संक्रामक बीमारी का कोई इलाज भी नहीं है. पशु चिकित्सक बीमारी से ग्रसित पशुओं में आ रहे लक्षण के आधार पर उपचार कर रहे हैं, जैसे कोरोना में शुरुआती दौर में हुआ था. पशुपालन मंत्री लाल चंद कटारिया ने विभागों के उच्चाधिकारियों के साथ बैठक भी की है. इसकी रोकथान के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए है.


'पशुओं को कर देती है कमजोर'
उदयपुर पशुपालन विभाग के जॉइन डायरेक्टर डॉ एसपी त्रिवेदी ने बताया कि यहां भी इस बीमारी से ग्रसित पशु मिले हैं, जिनका लक्षण के आधार पर इलाज किया जा रहा है. इस बीमारी से ग्रसित होने के बाद पशुओं की इम्युनिटी डाउन हो जाती है, यह कह सकते हैं कि पशु काफी कमजोर हो जाता है, जिससे गाय दूध देना तक बंद कर देती है और यह संक्रमण एक पशुओं से दूसरे में जल्द फैलता है.


एक ही वैक्सीन से हो सकता है बचाव
पशु चिकित्सक से बात करने पर उन्होंने बताया कि अभी बीमारी का इलाज लक्षण के आधार पर किया जा रहा है. उन्हें बुखार दूर करने और एंटीबायोटिक दवाई दी जा रही है. केंद्र से जरूर एक वैक्सीन के बारे में बताया है जिसका नाम है 'गोडपॉक्स'. यह वैक्सीन बीमारी से ग्रसित पशु को दे दी जाए तो वह ठीक हो सकता है. इसके लिए केंद्र से वैक्सीन आएगी, तब तक सामान्य इलाज किया जा रहा है.


क्या है लंपी बीमारी?
यहां पशुओं में एक से दूसरे में फैलने वाली बीमारी है. पशु इस बीमारी से ग्रसित होते है तो उन्हें तेज बुखार आता है. फिर शरीर के अंदर गिठाने बन जाती हैं जो एक दूसरे से अंदर ही अंदर जुड़ी रहती हैं. गिठाने पकने के बाद फुट जाती हैं, जिससे शरीर में और घाव हो जाते हैं.  ऐसे में अगर पशुओं का इलाज सही समय और नहीं होता है तो मौत हो सकती है. यह बीमारी भैंस और गाय में देखी गई है लेकिन अभी इसकी चपेट में गाय के आने की संख्या ज्यादा है.


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