Maharaja Surajmal: महाराजा सूरजमल का 317 वां जन्मदिन आज, कैबिनेट मंत्री और राजपरिवार के वंशज ने दी श्रद्धांजलि
Bharatpur News:भरतपुर के संस्थापक और शौर्य वीरता के पराक्रमी महराजा सूरजमल की आज जन्म जयंती पर किला स्थित महाराजा के प्रतिमा पर पुष्पाजंलि का कार्यक्रम आयोजित कर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया.
Rajasthan News: राजस्थान के भरतपुर (Bharatpur) रियासत के संस्थापक महाराजा सूरजमल (Suraj Mal) का आज 317 वां जन्मदिन है.इस मौके पर आज के दिन शहर में कई कार्यक्रम आयोजित किये गए हैं. आज लोहागढ़ विकास परिषद् की तरफ से भरतपुर का 290 वां स्थापना दिवस सप्ताह का भी शुभारंभ किया गया. इस स्थापना दिवस के शुभारंभ पर किला स्थित महाराजा सूरजमल के प्रतिमा पर पुष्पाजंलि का कार्यक्रम आयोजित कर विचार गोष्ठी का आयोजन भी किया गया.
आज राजपरिवार के वंशज और राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने यातायात चौराहे पर और किला स्थित महाराजा सूरजमल की प्रतिमा पर पुष्पार्पित कर श्रद्धासुमन अर्पित किए. कैबिनेट मंत्रीविश्वेन्द्र सिंह एवं राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने प्रसिद्द बांके बिहारी मंदिर में आरती कर देश, राज्य एवं भरतपुर की खुशहाली की कामना भी की.
मंत्री डॉ. गर्ग ने क्या कहा?
इस अवसर पर मंत्री गर्ग ने कहा कि आज बड़े ही गौरव का दिन है. भरतपुर के संस्थापक और शौर्य वीरता के पराक्रमी महराजा सूरजमल की आज जन्म जयंती है. महाराजा सूरजमल की वजह से ही ब्रज क्षेत्र की पहचान हैं और ऐसी महान हस्ती के जन्म दिन पर हम सभी को एकजुट होना चाहिए. राजजनीति से ऊपर उठकर, दलों से ऊपर उठकर जिले का विकास चाहे सामाजिक दृष्टिकोण से हो चाहे आर्थिक दृष्टिकोण से हो या सांस्कृतिक दृष्टिकोण से हो विकास करने का प्रयास करना चाहिए. सभी सामाजिक संस्थान विभिन्न वर्ग जातियों धर्म के लोग मिलकर के इस भरतपुर जिले को उच्चाईयों पर पहुंचाने में सहयोग करें.
ये लोग रहे मौजूद
इस अवसर पर आयोजित विचार गोष्ठी में लोहागढ़ विकास परिषद् के पदाधिकारी सहित संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा, जिला कलेक्टर आलोक रंजन, पूर्व सांसद पण्डित रामकिशन इतिहासकार रामवीर वर्मा सहित शहर के और भी लोग मौजूद रहे. इसके साथ ही गोष्ठी में महाराजा सूरजमल की जीवनी पर प्रकाश डाला गया. वहीं इतिहासकार रामवीर वर्मा ने मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग से कहा कि महाराजा सूरजमल के इतिहास की बुक को सरकारी स्कूल और कॉलेज की लाइब्रेरी में उपलब्ध कराए. इससे युवा पीढ़ी को महाराजा सूरजमल के इतिहास की जानकारी होगी.