(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajasthan: मेवाड़ के प्रिंस ने 5 साल में बनाए 7 वर्ल्ड रिकॉर्ड, अपने जन्मदिन पर बोए 21 हजार से ज्यादा बीज
Rajasthan: डॉ. लक्ष्यराज ने कहा कि पर्यावरण के भले के लिए लगातार रिकॉर्ड स्थापित करने की परंपरा मेवाड़ में रियासतकाल से चली आ रही है. वह इसे आगे बढ़ाते हुए दुनिया में समाज सेवा की अलख जगाना चाहते हैं.
Prince of Mewar World Record: मेवाड़ के प्रिंस डॉक्टर लक्ष्यराज सिंह अपने अंदाज के लिए हमेशा जाने जाते हैं. वे सोशल मीडिया पर भी एक्टिव रहते हैं. कभी राजकुमार बाइक चलाते हुए दिखाई देते हैं तो है कभी बस चलाते हुए. उनमें बड़ी खासियत यह है कि मात्र 5 साल के अंदर उन्होंने 7 वर्ल्ड रिकॉर्ड (World Record) अपने नाम कर लिए हैं. ये सभी रिकॉर्ड समाज सेवा और पर्यवारण से जुड़े हैं. अब प्रिंस लक्ष्यराज ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में 7वीं बार नाम दर्ज करवाया है, जिसमें उन्होंने 40 मिनट में 21058 बीज बोए हैं.
क्या कहना है प्रिंस ऑफ मेवाड़ का?
दरअसल, मेवाड़ के पूर्व राज परिवार के सदस्य डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ का शनिवार, 28 जनवरी को जन्मदिन था. इस दौरान उन्होंने 'बीज भविष्य का' अभियान के तहत मात्र 40 मिनट में विभिन्न प्रकार के 21058 पेड़-पौधों के बीज बोकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है. मेवाड़ ने अपनी टीम के माध्यम से विभिन्न प्रकार के बीजों को सिटी पैलेस स्थित जनाना महल परिसर में लगाकर यह विश्व कीर्तिमान स्थापित किया.
डॉ. लक्ष्यराज सिंह का कहना है कि उन्होंने भूमि-पर्यावरण संरक्षण के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए यह पहल की, क्योंकि वर्तमान में ग्लोबल वार्मिंग की समस्या सबसे ज्यादा चिंतित कर रही है. इसके साथ ही डॉ. लक्ष्यराज सिंह समाज सेवा-पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सर्वाधिक 7 गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित करके विश्व में मिसाल पेश कर चुके हैं.
डॉ. लक्ष्यराज ने कहा कि समाज सेवा में लगातार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित करने का उद्देश्य मेवाड़ में रियासतकाल से चला आ रहा है. सेवा और सम्मान की इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए देश-दुनिया में समाज सेवा की अलख जगाते रहना है. मेवाड़ ने हाल ही में कोरोना महामारी की दूसरी लहर में भारतीय सेना को हाईटेक एंबुलेंस और राजस्थान पुलिस के माध्यम से जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने की पहल की थी.
कौन-सा विश्व कीर्तिमान कब और कैसे
रिकॉर्ड-1 : मार्च 2019 को भी जरूरतमंदों को 3 लाख 29 हजार 250 वस्त्रों का दान कर पहला गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया था. एकत्रित किए तीन लाख कपड़ों को भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, यूएसए, ओमान, श्रीलंका, यूएई सहित अन्य देशों के 80 शहरों से एकत्रित कर जरूतमंदों तक पहुंचाया.
रिकॉर्ड-2 : अगस्त 2019 को 24 घंटे में 20 टन से ज्यादा स्टेशनरी छात्र-छात्रों में वितरित कर दूसरा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने उदयपुर संभाग में एक महीने तक शिक्षा प्रोत्साहन कैंपेन चलाकर सरकारी स्कूलों के छात्र-छात्राओं को किताब, कॉपी-पेन-पेंसिल, कलर्स बुक, बुक्स आदि शिक्षण सामग्री वितरित की.
रिकॉर्ड-3 : जनवरी 2020 को महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट की ओर से 20 सेकेंड में 4035 पौधे लगाकर तीसरा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड हासिल किया. सिटी पैलेस के माणक चौक में पर्यावरण संरक्षण की अलख जगाने अमलतास, गुलमोहर, सहजन व केशिया श्याम वृक्षों के 4035 पौधों को 20 सेकेंड में लगाया गया.
रिकॉर्ड-4 : जनवरी 2021 को मात्र एक घंटे में महिला स्वच्छता प्रबंधन से जुड़े 12 हजार 508 स्वच्छता प्रोडक्ट बांटकर चौथा गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया. कोरोना महामारी के दौरान स्वच्छता और महिला माहवारी स्वच्छता प्रबंधन की अलख जगाने के लिए साढ़े बारह हजार से ज्यादा सेनेट्री पेड, हैंड सेनेटाइजर, साबुन, टूथब्रश जैसे प्रोडक्ट्स दान किए.
रिकॉर्ड-5 : जनवरी 2022 को एक घंटे में 2800 से ज्यादा स्वेटर वितरण कर 5वां गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया. सर्दी के सीजन में जरूरतमंद 28 सौ लोगों को स्वेटर पहनाकर पहल की थी.
रिकॉर्ड-6 : जनवरी 2022 को एक घंटे 2800 भोजन के पैकेट वितरण कर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया. इसका मकसद कोई भूखा ना सोए पहल का संदेश जन-जन तक पहुंचाना था.
रिकॉर्ड-7 : जनवरी 2023 को बीज भविष्य का अभियान के तहत 21 हजार 58 विभिन्न तरह के पेड़-पौधों के बीज बोकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित किया.