Kota News: खेलने-कूदने और पढ़ाई-लिखाई की छोटी सी उम्र में बच्चियां मौत के खेल का करतब दिखाने को मजबूर हैं. 8 से 10 फीट की ऊंची रस्सी पर चलकर बच्चियां हर किसी को दांते तले उंगली दबाने पर मजबूर कर देती हैं. पीढ़ियों से चली आ रही परंपरा का निर्वहन करने वाली बच्चियों का करतब ही परिवार की आजीविका का साधन है. रविवार को कोटा के पॉश इलाके दादाबाडी में बच्ची ने मौत का हैरतअंगेज खेल दिखाया. बच्ची की उम्र छोटी और पढ़ने लिखने की है. मगर पापी पेट के लिए रस्सी पर काफी समय तक झूलकर बच्ची ने लोगों का मनोरंजन किया.
लकड़ियों के सहारे रस्सी पर मौत का खेल
मौत का खेल शुरू करने से पहले तमाश दिखाने वाले परिवार ने सड़क किनारे कीला ठोका. लकड़ियों के सहारे रस्सी बांधकर बच्ची को चढ़ा दिया. रस्सी को मासूम बच्ची एक हाथ में डंडा लेकर हिलाती रही, कभी तेज तो कभी धीरे, कभी सीधा चली तो कभी उल्टा, कभी जंप किया तो कभी कमर हिलाया. हैरतअंगेज करतब देखने के लिए मौके पर लोगों की भीड लग गई. मौत का खेल आगे भी जारी रहा. बच्ची ने एक बार तो रस्सी पर स्टील की थाली को रखकर हैरान कर दिया.
बच्ची का आत्मविश्वास देखकर लोग हैरान
थाली पर पैरों के बैलेंस से बच्ची झूलती रही. बच्ची का रस्सी पर संतुलन गजब का दिखाई दिया. मानो जैसे जमीन पर बच्ची कदमताल कर रही हो. खेल तमाशा दिखानेवाले परिवार के लिए मौत का खेल एक कला है. मौत का खेल खत्म होने के बाद बच्ची को लोगों ने मेहनत का फल दिया. लोगों ने बच्ची के करतब का वीडियो बनाया. बाल कल्याण समिति की सदस्य मधुबाला शर्मा ने बताया कि रस्सी पर खेल दिखाने वाले स्थाई नहीं होते हैं. तमाशा दिखानेवाला परिवार जगह बदलते रहते हैं. अभी तक कोई शिकायत नहीं आई है. उन्होंने कहा कि शिकायत आने पर कार्रवाई होगी.
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